इससे भारतीय रेलवे को यात्री द्वारा ट्रेन बोर्ड न करने अथवा चार्ट बनने से पहले अपना टिकट कैंसिल कराने के समय अपनी क्षमता का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलेगी। इससे सीटों के अलॉटमेंट में बेहतर पारदर्शिता होगी। साथ ही बोझिल मैन्युअल प्रक्रिया से निजात मिलेगी। इस डिवाइस का एक फायदा यह भी है कि यह एक पेपरलेस वर्किंग है, जिसमें चार्ट प्रिंट करने की आवश्यकता नहीं होती है। जल्द ही इस डिवाइस को पश्चिम रेलवे की अन्य प्रतिष्ठित ट्रेनों में भी शुरू किया जायेगा।
– वापी, वलसाड, सूरत, भरूच, वडोदरा, नडियाड इत्यादि रोड साइड लोकेशनों के आरक्षण चार्ट को अपलोड करने के बाद इस खंड के यात्रियों को भी आसानी से चेक किया जा सकता है।
एचएचटी जीपीआरएस के माध्यम से सोर्स चार्ट तथा करंट बुकिंग लिस्ट को डाउनलोड करता है।
यह जीपीआरएस के माध्यम से ट्रेन में रिमोट लोकेशन के चार्ट को भी डाउनलोड कर सकता है।
ट्रेन के डिपार्चर टाइम के बाद प्रति घंटे चार्टिंग के बाद टिकट रद्द करने वाले यात्रियों की लिस्ट डाउनलोड की जा सकती है।
एचएचटी में किसी भी डिब्बे के यात्रियों की अटेंडेंस को मार्क करने का प्रावधान है।
– इसका प्रमुख उद्देश्य बिना चार्ट प्रिंट किये वर्क अर्थात पेपरलेस वर्किंग है।
– यह मैन्युअल चार्ट से ज्यादा उपयोगी है, क्योंकि प्रत्येक कोच की चेकिंग के अंत में यह ‘नहीं आये यात्रियोंÓ तथा ‘चैक नहींÓ किये गये यात्रियों का संक्षिप्त विवरण उपलब्ध कराता है। इस प्रकार समय और प्रयासों की बचत होती है।
– डाटा को रिप्रेक्स करने के बाद एचएचटी डिवाइस के चार्ट में करंट बुकिंग काउंटर से आखिरी क्षणों में सीट बुक करने वाले यात्री का विवरण दिखाई देता है।
– एचएचटी के माध्यम से टीटीई को मैन्युअली ईडीआर चार्ट नहीं बनाना पड़ेगा, जिसमें यात्रा नहीं करने वाले यात्रियों का विवरण होता है।