बच्चों से मिलकर माता-पिता के खिले चेहरे
अहमदाबादPublished: May 21, 2019 10:51:21 pm
आरपीएफ का अभियान
बच्चों से मिलकर माता-पिता के खिले चेहरे
अहमदाबाद. वे बच्चे जो माता-पिता की नाराज होकर, पढ़ाई के डर से अथवा फिर घर की माली हालत खराब होने से घर छोड़ देते हैं या फिर गुम हो जाते हैं और ट्रेनों में बैठकर रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं उन बच्चों को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) चाइल्ड लाइन के साथ मिलकर परिजनों तक मिलाता है। ऐसे ही कई किस्से वडोदरा रेल मंडल में सामने आए हैं, जिसमें 84 बिछड़े और गुमशुदा बच्चों को आरपीएफ ने उनके परिजनों से मिलाया। बच्चों को देखकर माता-पिता के चेहरे खिल उठे।
वडोदरा मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना के मुताबिक रेलवे सुरक्षा बल व चाइल्ड हेल्प डेस्क बच्चों, महिलाओं तथा बुजुर्गो की सहायता एवं सुरक्षा को तत्पर रहा है। वर्ष 2018 में ट्रेनों व प्लेटफॉर्म परिसरों में पाए गए 84 बिछड़े व गुमशुदा बच्चों को आरपीएफ ने चाइल्ड हेल्प लाइन की मदद से उनके परिजनों से मिलाया तथा 11 लोगों को भी उनके परिजनों को सौंपा। इस वर्ष भी अब तक 15 बच्चों एवं 7 लोगों को आरपीएफ ने चाइल्ड हेल्प लाइन की मदद से अपनों से मिलवाया जा चुका है। हाल में ही अंकलेश्वर रेलवे स्टेशन यार्ड में अपराधी ने एक नाबालिग लड़के का अपहरण किया था। आरपीएफ ने तफ्तीश कर अपराधी को मौके से पकड़कर पुलिस के हवाले किया एवं लड़के को उसके परिजनों को सौपा। रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बने चाइल्ड हेल्प डेस्क का मकसद स्टेशन पर बिछड़े व गुमशुदा बच्चों को उनके अपनों मिलाने के अलावा उनकी काउंसिलिंग करना भी है। इसके अलावा हर एक मामले की टीम द्वारा चाइल्ड लाइन पर 3 माह तक निगरानी भी की जाएगी। वडोदरा मंडल में वडोदरा व आणंद में चाइल्ड हेल्प डेस्क हैं।