अस्पताल में प्रभावितों से मिलने पहुंचे हार्दिक, जिग्नेश व अल्पेश
अहमदाबादPublished: Jul 05, 2018 11:11:48 pm
सोला जहरी शराब प्रकरण…कहा, शराबबंदी में पूरी तरह से विफल रही सरकारकल से शराब के अड्डों पर छापा मारने का एलान
अस्पताल में प्रभावितों से मिलने पहुंचे हार्दिक, जिग्नेश व अल्पेश
अहमदाबाद. शहर के सोला क्षेत्र में बुधवार को कथित जहरीली शराब के सेवन से गंभीर हुए चार जनों से मिलने गुरुवार को असारवा स्थित सिविल अस्पताल पहुंचे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकुर एवं निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने शराबबंदी मामले में सरकार पर पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाया है। तीनों ही युवा नेताओं ने शनिवार से शराब के अवैध अड्डों पर छापा मारने का एलान किया है। जिसे उन्होंने जनता रेड का नाम दिया है। सिविल अस्पाताल में भर्ती सभी मरीजों की हालत ठीक नहीं है। इनमें से दो को वेेंटीलेटर पर भी रखा गया है।
असारवा स्थित शहर के सिविल अस्पताल में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि गांधी के गुजरात में शराबदंी का उल्लंघन जमकर हो रहा है। अवैधरूप से बिकने वाली शराब के कारण बुधवार को चार जने गंभीर हैं। हार्दिक ने कहा कि दो की हालत नाजुक बनी हुई है तो दो के महत्वपूर्ण अंग भी प्रभावित हैं। दिन प्रतिदिन निर्दोष लोग इसका शिकार हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब बंदी को लेकर बने कड़े कानूनों का पालन भी कहीं होता नहीं दिख रहा है। आरोप है कि पुलिस और सरकार की शह पर शराब के अड्डे चल रहे हैं। जिससे शनिवार से पूरे राज्य के गांव और शहरों में शराब के अड्डों पर जनता रेड शुरू की जाएगी। अहमदाबाद के किसी भी अड्डे से इसकी शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकुर के साथ मिलकर यह कार्य शुरू होगा। जिसका उद्देश्य शराब की लत से निर्दोष लोगों को बचाना है। उन्होंने कहा कि आगामी १० जुलाई को इस संबंध में राज्यपाल को भी मिलेंगे। हार्दिक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का कड़ाई से पालन हो सकता है तो गुजरात में क्यों नहीं।
गुजरात में शराब से हर वर्ष १५ हजार की मौत!
कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकुर के अनुसार जहरीली शराब (लट्ठा कांड) ही नहीं आए दिन भी राज्य में शराब के सेवन से मौत हो हो रहीं हैं। हर वर्ष दस से पन्द्रह हजार लोगों की मौत हो जाती है। उनके अनुसार किसी की किडनी खराब होने से तो किसी के लीवर खराब होने के कारण मौत होती हैं। पिछले चार वर्षों से शराब के अड्डों को बंद कराने का बीड़ा उठाया था लेकिन उसमें निर्दोष लोगों को फंसाया जाना शुरू कर दिया गया। इतना ही नहीं बुटलेगरों के खौफ से जनता त्रस्त हो रही है। उनका आरोप है कि गुजरात सरकार की मिलीभगत से यह सब कुछ चल रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि ईमानदार अधिकारियों की कोई कमी नहीं है लेकिन उनको दबा दिया जाता है। आरोप के अनुसार करोड़ों लीटर शराब आती है। किसी को पता नहीं चले इसलिए चेकपोस्ट और टोल टेक्स पर सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए जाते हैं। उनका कहना है कि सरकार शराब बंद करना ही नहीं चाहती है। जब पीने का पानी का पाउच बंद कर दिया जाता है तो शराब बंद करना बड़ी बात नहीं है। आगामी दिनों में इस मुद्दे पर गुजरात हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल ) भी की जाएगी।
‘पांच किलोमीटर के दायरे में मिलती है शराबÓ
दलित नेता व निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि गांधी के गुजरात में कहने को भले ही शराब बंदी है लेकिन हर पांच किलोमीटर के दायरे में शराब का अड्डा मिल जाएगा। पिछले दिनों जनता रेड करने के कारण कुछ कानून बनाए गए थे लेकिन उनपर सख्ती से अमल नहीं हो रहा है। आज गुजरात में शराब से हजारों करोड़ रुपए का अवैध कारोबार होता है। इसका सीधा असर आमजनता पर पड़ रहा है। जिसके चलते तीनों ही नेताओं को ग्राउंड जीरो पर उतरना पड़ा है। उनहोंने कहा कि जनता रेड कर बताया जाएगा कि गुजरात में सबसे ज्यादा शराब की बिक्री होती है। उद्देश्य शराब के सेवन से जनता को बचाना है ताकि हर वर्ष होने वाली मौतों को रोका जा सके। उन्होंने एलान किया है कि शनिवार से शुरू किए जाने वाले अभियान के दौरान शहर और गांवों में दस हजार से अधिक शराब के अड्डों पर छापा मारा जाएगा।