इससे पहले राजद्रोह प्रकरण में गत शनिवार को अदालत में अनुपस्थित रहने के कारण अहमदाबाद की सत्र अदालत ने हार्दिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। वारंट की तामिल करते हुए साइबर क्राइम ब्रांच ने उसी रात हार्दिक को गिरफ्तार किया। बाद में जज के समक्ष पेश किए जाने के बाद जज ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया।
इसके बाद बुधवार को सत्र अदालत ने जमानत दी और साथ में यह शर्त रखी कि आरोपी अदालत की प्रक्रिया के साथ सहयोग करेंगे और किसी भी जायज कारणों के बिना सुनवाई टालने की मांग नहीं करेंगे।
हार्दिक वर्ष 2015 में पाटीदारों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिलाने के लिए पाटीदार आंदोलन छेड़कर सुर्खियों में आए थे। आंदोलन के दौरान ही हार्दिक पटेल पर अहमदाबाद और सूरत में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इन दोनों मामलों में हार्दिक फिलहाल जमानत पर हैं। हार्दिक के विरुद्ध दर्ज राजद्रोह के मामले में अहमदाबाद शहर सत्र न्यायालय में मुकदमा जारी है।
माणसा के अलावा हार्दिक के खिलाफ वर्ष 2017 में पाटण जिले के सिद्धपुर में भी सरकारी आदेश के उल्लंघन का एक अन्य मामला भी दर्ज है।
हार्दिक वर्ष 2015 में पाटीदारों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिलाने के लिए पाटीदार आंदोलन छेड़कर सुर्खियों में आए थे। आंदोलन के दौरान ही हार्दिक पटेल पर अहमदाबाद और सूरत में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इन दोनों मामलों में हार्दिक फिलहाल जमानत पर हैं। हार्दिक के विरुद्ध दर्ज राजद्रोह के मामले में अहमदाबाद शहर सत्र न्यायालय में मुकदमा जारी है।
माणसा के अलावा हार्दिक के खिलाफ वर्ष 2017 में पाटण जिले के सिद्धपुर में भी सरकारी आदेश के उल्लंघन का एक अन्य मामला भी दर्ज है।