26 वर्ष के युवा नेता हार्दिक को गुजरात कांग्रेस में यह अहम पद तब मिला है जब गुजरात में आगामी महीनों में आठ सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात में आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को देखते हुए संगठन में बदलाव किया गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के आठ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
हार्दिक की नियुक्ति राज्य में पाटीदार बहुल मतदाताओं को रिझाने का एक प्रयास हो सकता है। हालांकि विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता परेश धानाणी भी पाटीदार समाज से हैं। उधर गुजरात भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जीतू वाघाणी भी पाटीदार समाज से आते हैं।
हार्दिक वर्ष 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव के ऐन पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके बाद से वे लगातार कांग्रेस में सक्रिय दिखाई दिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने अपने युवा साथी को बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जनहित की लड़ाई साथ मिलकर और मजबूती से लड़ेंगे। बताया जा रहा है कि हार्दिक के इस अहम पद की नियुक्ति को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में खलबली मच गई है।
इससे पूर्व भी वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष का कामकाज आसान बनाने को लेकर गुजरात के अलग-अलग जोन में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए थे।