मंगलवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री व एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने हार्दिक पटेल ने कहा कि हार्दिक के किसानों व सर्वसमाज के हित के लिए किए जा रहे अनशन को एनसीपी की ओर से समर्थन देने पहुंचा हूं। दुखद बात है कि जनप्रतिनिधि होने के बावजूद भी हार्दिक से मिलने आने से उन्हें गुजरात पुलिस की ओर से रोका गया। सरकार जिस प्रकार से हार्दिक व आंदोलनकारियों के साथ व्यवहार किया जा रहा है वह गलत है। लोकतंत्र के विरुद्ध है। हर व्यक्ति को अनशन पर बैठने, प्रदर्शन करने का अधिकार संविधान ने दिया है। उसके बावजूद भी गुजरात सरकार की ओर से मनमानी की जा रही है।
हार्दिक पटेल से मिलने पहुंचे राजस्थान के गुर्जर आंदोलन के हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि हार्दिक पटेल की आरक्षण और किसानों की कर्ज माफी की मांग का वह समर्थन करते हैं। गुजरात सरकार की ओर से हार्दिक की मांग नहीं मानी गईं तो हार्दिक की अगुवाई में देशभर में आंदोलन किया जाएगा। उसमें राजस्थान के गुर्जर भी जुड़ेंगे।
म.प्र. से ३० वाहनों में पाटीदार व किसानों के साथ हार्दिक से मिलने पहुंचे विजय पाटीदार ने कहा कि मध्यप्रदेश में पाटीदारों को ओबीसी में आरक्षण का लाभ मिल रहा है, तो गुजरात में क्यों नहीं मिल सकता? उन्होंने म.प्र. के किसानों का हार्दिक पटेल को समर्थन होने का दावा करते हुए कहा कि गुजरात पुलिस म.प्र.से आए किसानों को हार्दिक से मिलने से भी रोक रही है।
हार्दिक पटेल की ओर से गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग को भी पत्र लिखा गया गया। इसमें उन्होंने संविधान में मिले शांतिपूर्वक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने, अनशन करने के अधिकार का उल्लेख करते हुए और लिखित में मंजूरी मांगने के बावजूद भी अहमदाबाद व गांधीनगर कलक्टर की ओर से मंजूरी नहीं दिए जाने की बात लिखी है।
रक्षाबंधन के दिन उन्हें राखी बांधने आने वाली पाटीदार समाज कीबहनों को रोके जाने, उनके समर्थन में आए पाटीदारों के नाश्ते के लिए किराणे को भी रोकने का आरोप लगाया है। उनसे मिलने आने वाले समर्थकों को रोका जा रहा होने का आरोप लगाते हुए मानव अधिकारों का हनन होने की बात कही है और योग्य कदम उठाने की मांग की है।