विवाह के बंधन में बंधे हार्दिक पटेल
अहमदाबादPublished: Jan 27, 2019 10:34:01 pm
पत्नी से बोले- देंगे बराबरी का हक, लड़ाई में पत्नी का भी साथ,सादगीपूर्ण माहौल में सुरेन्द्रनगर में लिए सात फेरे
विवाह के बंधन में बंधे हार्दिक पटेल
अहमदाबाद. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के मुख्य संयोजक हार्दिक पटेल रविवार को वैवाहिक बंधन में बंध गए। उन्होंने सादगीपूर्ण माहौल में सुरेन्द्रनगर जिले के दिगसर-दाणावाडा में स्थित कुलदेवी मेलडी और बहुचर मां मंदिर में किंजल पटेल के साथ सात फेरे लिए।
चुनिंदा पारिवारिक सदस्यों के बीच संपन्न हुए वैवाहिक समारोह के बाद हार्दिक पटेल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वे पत्नी किंजल से यही वादा करते हंै कि उसे बराबरी का हक देंगे। वह जो लड़ाई लड़ रहे हंै। उसे किंजल के साथ मिलकर लड़ेंगे। उनकी पत्नी ने भी सत्य के लिए लोगों के हक के लिए और लोगों को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए लड़ाई लडऩे में उनका साथ देने का संकल्प किया है।
प्रेम विवाह के सवाल पर हार्दिक पटेल ने कहा कि ‘प्रेम (लव) था, और विवाह परिवार की ओर से तय कर किया गया। हम तो बड़े भोले इंसान हैं। बाबा भोले के भक्त हैं। आशा रखते हैं कि सब अच्छा ही करेंगे।Ó हार्दिक ने कहा कि पहल उन्होंने नहीं, बल्कि उनकी पत्नी ने की थी। यह वे पहले भी सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं।
अहमदाबाद जिले के विरमगाम निवासी हार्दिक पटेल का विवाह विरमगाम के ही मूल निवासी लेकिन फिलहाल सूरत में स्थाई किंजल पटेल के साथ हुआ।
२६ तारीख को मंडप हुआ। २७ को हार्दिक पटेल और किंजल पटेल के परिवार के १०0 लोगों की उपस्थिति में सुरेन्द्रनगर जिले के दिगसर-दाणावाडा में स्थित कुलदेवी मेलडी और बहुचर मां के मंदिर में दोनों ने सात फेरे लिए। हार्दिक पटेल की पत्नी किंजल पटेल स्नातक हैं और फिलहाल लॉ की पढ़ाई कर रही हैं।
२५ अगस्त २०१५ को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में विशाल जनसभा आयोजित करने और इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज करने के बाद हुई हिंसा की घटना के चलते हार्दिक पटेल राष्ट्रीय स्तर पर युवा पाटीदार चेहरे के रूप में चमके। पाटीदारों को ओबीसी आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन छेडऩे वाले हार्दिक पटेल पर राजद्रोह, तिरंगे के अपमान का, महेसाणा जिले में लोगों को भड़काने सहित कई मामले दर्ज हैं। राजद्रोह के मामले में हार्दिक को जेल में भी रहना पड़ा। उसके बाद काफी समय तक गुजरात से बाहर उदयपुर में भी रहना पड़ा। महेसाणा में प्रवेश करने पर रोक भी है।