राजद्रोह प्रकरण : हार्दिक पटेल के खिलाफ फिर गैर जमानती वारंट जारी
अहमदाबाद. शहर सत्र अदालत ने वर्ष 2015 के राजद्रोह प्रकरण में शुक्रवार को कांग्रेस नेता और पाटीदार आंदोलन के मुखिया हार्दिक पटेल के खिलाफ एक बार फिर गैर जमानती वारंट जारी किया।
हार्दिक ने इस मामले में अदालत से अनुपस्थित रहने की गुहार लगाई थी। इसमें यह कारण दिया गया था कि पुलिस उनकी अन्य मामले में गिरफ्तारी करना चाहती है। यदि वे अदालत के समक्ष उपस्थित होंगे तो उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी। अदालत ने हार्दिक की इस याचिका को खारिज कर एक बार फिर गैर जमानती वारंट जारी किया।
20 दिनों में यह दूसरी बार है जब सत्र अदालत ने हार्दिक के खिलाफ वारंट जारी किया है। इससे पहले भी वर्ष 2015 में अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में पाटीदार सभा के बाद भड़की हिंसा को लेकर वे अदालती कार्रवाई में उपस्थित नहीं रहे थे।
हार्दिक की याचिका के मुताबिक वर्ष 2015 में अहमदाबाद के वस्त्रापुर पुलिस ने जीएमडीसी मैदान में दर्ज दंगे के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। सत्र अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी। इसके खिलाफ हार्दिक ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 12 फरवरी रखी है। पुलिस इस मामले में उसे गिरफ्तार करना चाहती है। इसलिए यदि वह राजद्रोह के मामले में अदालत में उपस्थित रहते हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। उधर यदि उनकी गिरफ्तारी होती है तो उच्च न्यायालय में जारी अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए अदालती कार्रवाई से अनुपस्थित रहने के लिए अनुमति दी जाए। इस पर राज्य सरकार ने हार्दिक की इस याचिका का विरोध किया। इसके बाद अदालत ने पाटीदार नेता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर अगली सुनवाई 15 फरवरी रखी है।
इससे पहले सत्र अदालत ने इस मामले में जमानत देते हुए यह शर्त रखी थी कि हार्दिक अदालती प्रक्रिया के साथ सहयोग करेंगे और किसी भी जायज कारणों के बिना सुनवाई टालने की मांग नहीं करेंगे।