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सरदार की १८२ मीटर ऊंची प्रतिमा बन गई पर उनके सपनों का भारत नहीं बन पाया-हार्दिक पटेल

locationअहमदाबादPublished: Oct 31, 2018 08:45:19 pm

वंथली में किसान सत्याग्रह, यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा पहुंचे, प्रांगण भरा
 

Hardik patel

सरदार की १८२ मीटर ऊंची प्रतिमा बन गई पर उनके सपनों का भारत नहीं बन पाया-हार्दिक पटेल

अहमदाबाद. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के मुख्य संयोजक हार्दिक पटेल ने जूनागढ़ जिले के वंथली गांव में सरदार पटेल की जयंती पर किसान सत्याग्रह आयोजित किया।
इस दौरान हार्दिक ने कहा कि यदि सरदार पटेल नहीं होते तो जूनागढ़ और वंथली देश में नहीं होता। यहां आने के लिए भी हमें वीजा लेना पड़ता। इसलिए इस वंथली को किसान सत्याग्रह के लिए पसंद किया है। उन्होंने कहा कि यह सत्याग्रह किसानों की कर्ज माफी, उनकी समस्या, पाटीदारों को आरक्षण और अल्पेश कथीरिया की जेल से रिहाई की मांग को लेकर किया गया है।
हार्दिक पटेल ने कहा कि आज सरदार पटेल की १८२ मीटर की प्रतिमा जरूर बन गई लेकिन सरदार पटेल के सपने का भारत अब तक नहीं बना। किसानों को उनका हक नहीं मिल पाया है।
भारत के अंदर किसान का पुत्र ही बेरोजगार है। किसी मंत्री, नेता का बेटा बेरोजगार नहीं है। किसान चाहे कितनी भी मेहनत कर ले लेकिन किसानों की परिस्थिति जस की तस ही रहती है।
हार्दिक पटेल ने का कि कई लोग मुझसे पूछते थे कि किसान सत्याग्रह में यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा को क्यों बुलाया। हार्दिक ने कहा कि इन्हें इसलिए बुलाया है ताकि वे बोलेंगे कि आज की भाजपा कैसी है तो आप विश्वास करोगे। हम भी भाजपा में थे। कौन सी भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा में। केशूभाई पटेल की भाजपा में थे। यशवंत सिन्हा भी जूनागढ़ के वंथली में आयोजित किसान सत्याग्रह में बुधवार शाम को पहुंचे। देर शाम भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी पहुंचे।

सरकार की दिशा गलत हुई तो कह दिया राम-राम:
सिन्हा बोले सरकार की दिशा ही गलत हो गई है और सरकार ड्रामेबाजी, नौटंकी के अलावा कुछ खास करने का मन नहीं रखती है। तो मैने राम राम कर दिया। मैं हार्दिक पटेल के साथ जाना पसंद करूंगा। चार साल तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मामूली बढ़ाया, चुनावों के चलते कुछ महीनों पहले डेढ़ गुना देने की घोषणा की। वह भी झूठा साबित हुआ। क्योंकि देश की मंडियों में कीमतें एमएसपी से भी नीचें हैं। सरकार की एजेंसियां उत्पादन को खरीदने के लिए तैयार नहीं है। लोग मजबूर होकर मंडियों में औने-पौने दाम में फसल बेचने को मजबूर हैं। डेढ़ गुना लागत छलावा है। किसानों को ठगने का इरादा है। महाराष्ट्र के विदर्भ में किसानों के बीच गया। किसान इकट्ठे हुए उनसे बातचीत हुई तो पता चला कि साल भर पहले थे ठीक वहीं आज भी खड़े हैं।
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किसान फटेहाल, बदहाल है: सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज पूरे देश का किसान फटेहाल बै, बदहाल है परेशान है। आज खेती-किसानी घाटे का सौदा बन गया है। वर्ष २०१४ में चुनावों के दौरान भाजपा ने जो किसानों से चुनावी वादे किए थे। उसका मैं भी हिस्सा था। किसान हो, नौजवान, महिलाएं, दलित या अन्य वर्ग हों सभी अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि यह सरकार मात्र जुमलों की सरकार बनकर रह गई है। सरदार पटेल की १८२ मीटर ऊंची प्रतिमा को देश को समर्पित किया गया। यह गर्व की बात है। मैं स्वागत करता हूं, लेकिन वहां के प्रभावित गांवों के लोगों ने विरोध किया। अच्छा होता कि वो इस अवसर पर किसानों के विकास के लिए कोई बड़ी योजना की भी घोषणा करते। सिन्हा ने हार्दिक पटेल को छोटे सरदार भी कहा।
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