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यहां ट्रेन को भी इंतजार करना पड़ता है!

locationअहमदाबादPublished: Oct 16, 2017 10:09:56 pm

शहर से मुंबई के बीच दौडऩेवाली ट्रेनों की रफ्तार मणिनगर रेलवे क्रॉसिंग पर खूब धीमी पड़ जाती है। कई बार तो वाहनों की आवाजाही इस कदर रहती है कि ट्रेनें र

Here the train also has to wait!

Here the train also has to wait!

अहमदाबाद।शहर से मुंबई के बीच दौडऩेवाली ट्रेनों की रफ्तार मणिनगर रेलवे क्रॉसिंग पर खूब धीमी पड़ जाती है। कई बार तो वाहनों की आवाजाही इस कदर रहती है कि ट्रेनें रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक पहुंच जाती हैं और रेलवे फाटक बंद नहीं हो पाता। मजबूरन ट्रेनों को ही रोकना पड़ता है। ट्रेनें पांच से दस मिनट तक वाहन चालकों के निकलने का इंतजार करती हैं। जी हां, यह हकीकत है मणिनगर क्रॉसिंग की।

मणिनगर ऐसा रेलवे क्रॉसिंग है, जहां से न सिर्फ वाहनों बल्कि ट्रेनों की भारी संख्या में आवाजाही होती है। यह क्रॉसिंग हर पन्द्रह मिनट में बंद करना पड़ता है। कई बार तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि सिग्नल के निकट ही ट्रेनों को रोकना पड़ता है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हादसे टालने के लिए मणिनगर और खोखरावासी ओवरब्रिज या अंडरब्रिज बनाने की मांग करते हैं। इस मुद्दे को लेकर विधायक और महानगरपालिका प्रशासन तक गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन किसी के कानों में जूं नहीं रेंगती।

एक लाख से ज्यादा पर हो ब्रिज

रेलवे की नीति के मुताबिक देखा जाए तो जिस क्रॉसिंग से रोज एक लाख से ज्यादा वाहन गुजरते हैं वहां रोड ओवरब्रिज या अंडरब्रिज बनाना जरूरी होता है। न सिर्फ सुरक्षा के मद्देनजर बल्कि रेल यातायात को सुचारू बनाने के लिए ब्रिज जरूरी होता है। जहां ब्रिज बनाना होता है वहां राज्य सरकार या स्थानीय निकायों के प्रस्ताव पर रेलवे प्रशासन ब्रिज बनवाता है। इसमें 50 फीसदी खर्च रेलवे वहन करता है, जबकि बकाया राशि राज्य सरकार या निकाय देती है। देखा जाए तो मणीनगर रेलवे क्रॉसिंग अहमदाबाद महानगरपालिका के दायरे में आता है, तो यह ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी भी अहमदाबाद महानगरपालिका और रेलवे प्रशासन की है।

मनपा का रवैया ढीला

उधर, सीजन टिकट हॉल्डर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी अजय पॉल ने कहा कि मणिनगर क्रॉसिंग पर ब्रिज की वर्षों से मांग की जा रही हैं, लेकिन राजनीति पेंच में ब्रिज अटका पड़ा है। उन्होंने कहा कि रेल प्रशासन तो ब्रिज बनाने को राजी है, लेकिन महानगरपालिका का ढीला रवैया नजर आ रहा है।

मणिनगर के सामाजिक कार्यकर्ता हर्षद पटेल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे लगता है कि प्रशासन बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। प्रशासन को राजनीतिक दांवपेंच के बजाय जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द रोड ब्रिज या अंडरब्रिज बनाए। यह क्रॉसिंग दिनभर में करीब 20 से 22 घंटे तक बंद रहता है।

हादसे टलने के कई वाकये हैं….


एक बार तो ऐसा वाकया हुआ था जब ट्रेन नजदीक आ गई और गैटमेन फाटक बंद करने लगा, लेकिन एसटी बस चालक क्रॉसिंग पार करने के चक्कर में बीच में ही फंस गया। अगला फाटक बंद हो चुका था और बस का कुछ हिस्सा ट्रेक पर था। हालांकि लोको पायलट ने सावधानी बरतते हुए ट्रेन को फाटक के पहले ही रोक दिया था। यात्रियों की जान बच गई थी।
ऐसा ही वाकया शुक्रवार को भी मणिनगर क्रॉसिंग पर हुआ। गैटमेन फाटक बंद कर रहा था, लेकिन वाहनों की आवाजाही इस कदर थी फाटक बंद नहीं हो पाया और अहमदाबाद से मुंबई और मुंबई से अहमदाबाद की ओर आने-जाने वाली ट्रेनें नजदीक आ गई। मजबूरन ट्रेनों को करीब दस से पन्द्रह मिनट तक क्रॉसिंग से पहले रोकना पड़ा। पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर दोनों ओर से वाहन चालकों को रोका ।

रेलवे ने मनपा को प्रस्ताव भेजा

अहमदाबाद मंडल के मंडल रेल प्रबंधक दिनेश कुमार ने बताया कि मणिनगर क्रॉसिंग से रोज चार लाख वाहनों की आवाजाही होती है। रेल प्रशासन ने तो महानगरपालिका को ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भेज दिया है। आखिर फैसला मनपा को करना है कि कब ब्रिज का निर्माण करना है।

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