फास्ट ट्रेक कोर्ट में होगी सुनवाई उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार और गुजरात पुलिस को बदनाम करने के इरादे से यह कृत्य किया गया है। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेकअदालत में होगी। दस दिनों में चार्जशीट दायर किया जाएगा। इस मामले में मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है।
जहरीली शराब का असर अभी भी बोटाद जिले के कुछ प्रभावित गांवों में देखा जा रहा है, विलाप करते लोगों के बीच चारों ओर मातम पसरा हुआ है। अस्पताल में भर्ती कई मरीजों की हालत गंभीर है। बोटाद जिले की बरवाला तहसील के रोजिद गांव में देशी शराब के रूप में मिथेनॉल अल्कोहल केमिकल को पानी से मिलाकर लोगों को दिया गया था। इसे पीने के बाद अस्पताल मरीजों से भर गया। इस मामले में बुधवार तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। जहरीली शराब कांड मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को पीपलज से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 600 लीटर केमिकल दिया था। आरोपी ने अहमदाबाद शहर के पीपलज स्थित कंपनी से इस केमिकल को बेचा था। एटीएस और अपराध शाखा की टीम कंपनी तक पहुंची और मुख्य आरोपी जयेश को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी जयेश से पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हुआ है।
आंखों की रोशनी जाने की आशंका जहरीली शराब पीने वाले अधिकांश लोगों की आंखों पर इसका खराब असर देखा गया है। लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। इनमें आठ लोगों की हालत अभी नाजुक है। जहरीली शराब के असर को काम करने के लिए पुलिस ने जहर को काटने के लिए जहर के इस्तेमाल को तबज्जो दी और मरीजों को शराब दवा के रूप में दी गई।
अस्पताल से भागे 13 मरीज बताया जाता है कि भावनगर के सर टी अस्पताल में उपचाराधीन 13 लोग भाग गए। इन लोगों को काउंसेलिंग करने की कोशिश करने में लगी है। केमिकल से प्रभावितों को पीएचसी-सीएचसी में भर्ती कराने की अपील
बोटाद पुलिस प्रशासन ने प्रभावित गांव के लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें गांव में कोई भी व्यक्ति केमिकल पीया हुआ मिलता है तो उसे तत्काल संबंंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) में लेकर जाएं जिससे उनका तत्काल उपचार किया जा सके।
राज्यसभा में नहीं उठ सका यह मुद्दा कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल की ओर से गुजरात की जहरीली शराब प्रकरण का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में उठाया जाना था। इसके लिए गोहिल के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की ओर से नोटिस देकर चर्चा की मांग की गई थी। हालांकि नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया। उधर विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों की ओर से हंगामा होने के चलते राज्यसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई थी। गोहिल ने कहा कि वे आगे भी इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाने की कोशिश करेंगे।