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सड़क चौड़ी करने को मकान ढ़हाए, मलबा अभी भी पसरा

locationअहमदाबादPublished: Jun 10, 2019 09:54:57 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

रामदेव टेकरा-जोधपुर इलाका

demolision

सड़क चौड़ी करने को मकान ढ़हाए, मलबा अभी भी पसरा

अहमदाबाद. सेटेलाइट पोश एरिया में माना जाता है, लेकिन इस इलाके में जोधपुर-रामदेव टेकरा ऐसा इलाका है, जो अभी भी प्राथमिक सुविधाओं से अछूता है। बारिश में घुटनों तक पानी जमा हो जाता है। गलियां संकरी और कच्ची है, जहां गंदगी का आलम पसरा है। वहीं जोधपुर तालाब सूखा पड़ा है, जहां कूड़ा उड़ेला जा रहा है। जहां एक ओर महानगरपालिका स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रहा है वहीं यह तालाब जो विकसित किया गया है, लेकिन तालाब में कूड़ा उडऩेवाला उसे बदसूरत बना रहा है। वहीं रामदेव टेकरा से आनंदनगर तक मार्ग पर जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। रामदेव टेकरा में सड़क को चौड़ा करने के लिए 44 मकानों को ढहा दिया गया है, जिसका मलबा अभी भी फैला पड़ा है। लोगों की मांग है कि वे पिछले पचास वर्षों से ज्यादा समय से यहां रहते हैं। अब मकान ढहा दिए जाने से वे बेघर हो गए हैं। हमें वैकल्पिक सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए। वहीं आनंदनगर फ्लैट में पांच सौ से ज्यादा मकान हैं, लेकिन उसका कोई भी धनी-धोरी नहीं है। फ्लैट के नीचे जगह-जगह कूड़ों के ढेर लगे हैं। मकान भी जर्जर हो रहे हैं। कहीं-कहीं पर मकान मालिकों ने मरम्मत कराई है। लोगों का कहना फ्लैट में ना कोई चेयरमैन ना ही कोई कर्ताधर्ता है। पानी बमुश्किल दस से पन्द्रह मिनट तक ही आता है, जिससे लोगों ने अपनी घरों में प्लास्टिक की पानी की टंकियां रखी हैं। वहीं जोधपुर चाररास्ता, रामदेव टेकरा, इस्कोन ब्रिज के आसपास सुबह-शाम यातायात जाम की समस्या रहती है।
जलजमाव समस्या से मिलेगी निजात
जोधपुर वॉर्ड के पार्षद भाग्येश पटेल ने बताया कि जोधपुर-रामदेवनगर टेकरा इलाके में बारिश जमा होने की समस्या रहती है। स्टॉर्म वॉटर लाइन बिछाने से अब काफी हद तक पानी की समस्या सुलझ जाएगी। फन रिपब्लिक सिनेमा के निकट पब्लिक और सीनियर सिटीजन पार्क बनाए गए हैं। साथ ही आर्ट गैलरी बनाई गई है। आगामी बजट में स्विमिंग पूल और रोड-रास्ता बनाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने रामदेव टेकरा इलाके में मकान ढहाने को लेकर कहा कि यहां आरसीसी रोड बनाया जा रहा है, जो मकान ढहाए गए हैं उसमें एक ही व्यक्ति को महानगरपालिका का मकान देने का प्रावधान है, लेकिन सभी लोग अलग-अलग मकान देने की मांग कर रहे हैं।
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