दो किलोमीटर तक कीचड़ से गुजरना पड़ता है विद्यार्थियों को
कैसे पढ़ेगा गुजरात! , सात किलोमीटर के चक्कर से बचने के लिए जान जोखिम में

वडोदरा. गुजरात सरकार का नारा है 'रमशे गुजरात...भणशे गुजरात (खेलेगा गुजरात, पढ़ेगा गुजरात), लेकिन किस तरह पढ़ेगा गुजरात? यह सवाल वडोदरा जिले की पादरा तहसील के कल्याणकुई गांव के विद्यार्थी पूछ रहे हैं, जो करीब दो किलोमीटर तक कीचड़ से गुजरकर स्कूल पहुंचते हैं। सात किलोमीटर के चक्कर से बचने के लिए ४२ विद्यार्थी व स्थानीय लोग कच्चे रास्ते से गुजरने को मजबूर हैं, जहां बारिश में पूरे रास्ते पर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है। यहां बात हो रही हैं कल्याणकुई गांव की।
कल्याणकुई गांव निवासी ४२ विद्यार्थी जलालपुर गांव में पढ़ते हैं। यह छात्र अंबाडा गांव होकर जलालपुर जाते हैं तो करीब सात किलोमीटर का चक्कर लगाना पढ़ता है, ऐसे में विद्यार्थी एवं गांव के लोग कच्चे रास्ते का उपयोग करते हैं, जिस रास्ते से जलालपुर गांव सिर्फ दो किलोमीटर दूर है। कच्चे रास्ते पर जगह-जगह गड्ढे होने के कारण बारिश के दौरान कीचड़ का साम्राज्य हो जाता है।
वर्षों से नहीं बन पाया दो किलोमीटर का रास्ता
स्थानीय निवासी गेमलसिंह गोहिल का कहना है कि यह समस्या वर्षों से हैं। अनेक बार कल्याणपुर-जमालपुर गांव के दो किलोमीटर के रास्ते को पक्का कराने के लिए शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि पादरा के तत्कालीन विधायक दिनेश पटेल (दिनु मामा) के समय में भी अनेक बार शिकायत की गई थी। अब कांग्रेस के विधायक जसपालसिंह पढियार को भी शिकायत की गई है। ऐसे में कांग्रेस विधायक ने मेटल डाल कर फिलहाल काम चलाने के कहा है।
प्राचार्य ने भी की शिकायत
प्राचार्य रमणभाई लिम्बाचिया ने भी अनेक बार रास्ता सुधारने की मांग की है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक रास्ते को सुधारने की कार्रवाई नहीं की गई।
बिजली के खंभों के पुल को भी पार करते हैं
मानसून के दौरान कल्याणकुई गांव के लोग कीचड़ कूदकर स्कूल जाते हैं। ऐसा नहीं है कि रास्ते पर सिर्फ कीचड़ ही है, अपितु मार्ग पर नाले पार करने के लिए विद्युत खंभों के बने पुल से भी गुजरना पड़ता है। पानी एवं कीचड़ से गुजरते समय विद्यार्थी गिरने से बचने के लिए एक-दूसरे के हाथ पड़ककर चलते हैं। ग्रामीण भी इसी प्रकार गुजरने को मजबूर हैं।
रास्ता शीघ्र सुधारने का प्रयास करेंगे
पादरा के विधायक जयपालसिंह पढिय़ार के अनुसार फिलहाल रास्ते पर मेटल बिछाया जाएगा और शीघ्र ही दो किलोमीटर के इस रास्ते को सुधारने का प्रयास किया जाएगा।
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