शाम को वे महेसाणा के जैन तीर्थ शंखेश्वर मंदिर पहुंच गए। राहुल ने मंदिरों के देवों को मनाने के साथ ही पाटण में दलितों से संवाद किया। इस संवाद कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि गुजरात में दलितों के हक छीने जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार दलितों को उनके अधिकार देगी।
दलितों पर होने वाले अत्याचारों को रोकेगी। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मनुवादी संगठन करार देते हुए कहा कि संघ हिन्दुस्तान की जाति व्यवस्था को ज्यों का त्यों बनाए रखना चाहता है। उन्होंने एक सवाल का जवाब में कहा कि भाजपा तथा संघ के बीच बुनियादी फर्क है। संघ एक मनुवादी संगठन है।
राहुल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस की मेनिफेस्टो प्रोसेस चल रही है। दलित अपनी मांगों को मेनिफेस्टो में शामिल करा सकते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाा कि सैम पित्रोदा और मधुसूदन मिस्त्री को दलितों के साथ मीटिंग कराएंगे। इससे पूर्व राहुल ने कांग्रेस के गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत , भरतसिंह सोलंकी व अन्य नेताओं के साथ पाटण में दलितों के ईष्टदेव मेघमाया मंदिर पहुंचे और वहां उन्होंने मत्था टेका और पूजा की।
मंदिर में पुजारी ने उनका स्वागत किया। उन्होंने महंत से बातचीत की। बाद में उन्होंने वल्र्ड हेरिटेज साइट में दर्ज राणी की वाव भी देखी। वे राणी की वाव की कलाकृति देखकर अचरज में पड़ गए। उन्होंने सेल्फी भी ली।
टोपी…राहुल के लगातार मंदिर जाने पर भाजपा ने कसा तंज
मंदिर जाना स्वाभाविक धर्म होना चाहिए, चुनावी कर्म नहीं: यादव
राहुल के लगातार मंदिर जाने पर तंज कसते हुए भाजपा के राज्य प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना करना भारतीय संस्कृति और परम्परा का स्वाभाविक धर्म है। करोड़ों लोग मंदिर जाते हैं, लेकिन यह एक स्वाभाविक धर्म होना चाहिए, चुनावी कर्म नहीं। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री ने पूछा कि क्या जीवन में एक बार भी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर गए? गुजरात में अक्षरधाम के लिए आते हैं, लेकिन क्या वे उनके घर से छह किलोमीटर दूर कभी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर देखने गए? जबकिउसे देखने कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष आते हैं।
उन्होंने यह भी पूछा कि राहुल गांधी के परिवार के पैतृक फार्म हाउस के पास दिल्ली के महरौली में योगमाया मंदिर तथा इसी इलाके में छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्ययानी शक्तिपीठ मंदिर में गए? दिल्ली में ही नवरात्र के दौरान कभी शक्तिपीठ के दर्शन को गए? क्या कभी दिल्ली में कालकाजी मंदिर में दर्शन को गए? इसलिए मंदिर जाना चुनावी कर्म नहीं होना चाहिए।
राहुल के लगातार मंदिर जाने पर भाजपा ने कसा तंज
राहुल के मंदिर जाने पर तंज कसते हुए भाजपा के राज्य प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना करना भारतीय संस्कृति और परम्परा है। करोड़ों लोग मंदिर जाते हैं, लेकिन यह एक स्वाभाविक धर्म होना चाहिए, चुनावी कर्म नहीं।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री ने पूछा कि क्या जीवन में एक बार भी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर गए? गुजरात में अक्षरधाम के लिए आते हैं, लेकिन क्या वे उनके घर से छह किलोमीटर दूर कभी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर देखने गए? जबकिउसे देखने कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष आते हैं।
उन्होंने यह भी पूछा कि राहुल गांधी के परिवार के पैतृक फार्म हाउस के पास दिल्ली के महरौली में योगमाया मंदिर तथा इसी इलाके में छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्ययानी शक्तिपीठ मंदिर में गए? दिल्ली में ही नवरात्र के दौरान कभी शक्तिपीठ के दर्शन को गए? क्या कभी दिल्ली में कालकाजी मंदिर में दर्शन को गए? इसलिए मंदिर जाना चुनावी कर्म नहीं होना चाहिए।