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सीए फाइनल के रैंकर्स बोले, संस्थान के मॉड्यूल ही महत्वपूर्ण

locationअहमदाबादPublished: Feb 02, 2021 09:18:26 pm

ICAI, CA Final result, Ahmedabad chapter, Top rankers, Tips पढ़ाई में निरतंरता जरूरी, शॉर्ट कट से सफलता नहीं, कोरोना महामारी के चलते परीक्षा स्थगित होने से हुई थी मायूसी, समय भी मिला

सीए फाइनल के रैंकर्स बोले, संस्थान के मॉड्यूल ही महत्वपूर्ण

सीए फाइनल के रैंकर्स बोले, संस्थान के मॉड्यूल ही महत्वपूर्ण

अहमदाबाद. आईसीएआई की ओर से नवंबर २०२० में ली गई सीए फाइनल (न्यू कोर्स) की परीक्षा में देश के टॉप ५० रैंकर्स में अपनी जगह बनाने वाले अहमदाबाद के रैंकर्स का कहना है कि तैयारी के लिए आईसीएआई के मॉड्यूल ही महत्वपूर्ण हैं। उन्हीं के आधार पर तैयारी करनी चाहिए। सफलता के लिए कोई शॉर्ट कट ना अपनाएं उससे सफलता मिलनी मुश्किल है। पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखना जरूरी है।
बहन के विवाह में भी नहीं करपाई शिरकत
सीए फाइनल में ८०० में से ५३८ अंक पाकर देश में २६वीं और अहमदाबाद चैप्टर में पहली रैंक लाने वाले क्रुतंज दर्जी ने सीए फाइनल की परीक्षा के चलते सगी बहन हीनल के विवाह में भी शिरकत नहीं कर पाई। २७ नवंबर को जिस दिन बहन का विवाह था उस दिन भी क्रुतंज का पेपर था। क्रुतंज बताते हैं कि मई २०२० में उन्हें परीक्षा देनी थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते नवंबर २०२० में एक्जाम दी। कोरोना महामारी के बीच उन्होंने 8-10 घंटे की पढ़ाई जारी रखी। उन्हें पास होने की उम्मीद थी। रैंक की आशा नहीं थी। पहली बार उनकी रैंक आई है। रिजल्ट देखने के बाद उन्होंने रैंक चेक की तो पता चला कि उन्होंने देश में २६वीं रैंक पाई है। पिता-अरविंदभाई आईटी कंपनी में जॉब करतें हैं। मां गृहिणी हैं। दो बड़ी बहनें हैं दोनों का विवाह हो गया है। परिवार में सीए कोई नहीं है। 10वीं में अच्छे अंक थे। साइंस में रुचि नहीं थी, जिससे कॉमर्स को चुना था। क्रुतंज कहते हैं कि सफलता के लिए शॉर्ट कट नहीं होता है। आईएमपी प्रश्न करके पास हो जाओगे यह सोचना सही नहीं है। इंस्टीट्यूट का स्टडी मटीरियल ही अहम है। पूरा पढऩा चाहिए। घंटे मायने नहीं रखते हैं। जितना पढ़ो उतना मन लगाकर पढ़ो।
हार्ड वर्क है जरूरी, पिता हैं प्रेरणा
सीए फाइनल में देश में ३४वीं रैंक पाने वाली प्रियल चौधरी बताती हैं कि सीए फाइनल में सफलता के लिए हार्ड वर्क जरूरी है। कोरोना के चलते मई की परीक्षा नवंबर में दी तो समय ज्यादा मिला, लेकिन तैयारी स्लो हो गई थी। मोमेंटम स्लो हो गया था।हालांकि पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखी। उनके पिता अनिल भी सीए हैं। वही सीए बनने के पीछे की उनकी प्रेरणा भी हैं। उनका मार्गदर्शन भी लगातार मिला। प्रियल मूलरूप से राजस्थान के भीलवाड़ा से है। प्रियल ने २०१७ में इंटरमीडिएट में भी देश में २५ वीं रैंक पाई थी। वे बताती हैं कि सफलता के लिए आईसीएआई के मॉडयूल को ही फॉलो करें, इसी के मॉड्यूल बेस्ट है। रोज पढ़ाई करें।
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