अहमदाबाद

ICSI गुजरात में गांधीधाम और वापी में आईसीएसआई का परीक्षा केन्द्र

दिसंबर-१९ से कार्यरत, परीक्षा में होगा एक दिन का अंतराल
 

अहमदाबादAug 04, 2019 / 09:13 pm

nagendra singh rathore

ICSI गुजरात में गांधीधाम और वापी में आईसीएसआई का परीक्षा केन्द्र

अहमदाबाद. कंपनी सचिव की पढ़ाई करने वाले गुजरात के कच्छ जिले के विद्यार्थी एवं दक्षिण गुजरात के वलसाड़ जिले के विद्यार्थियों को राहत मिलने वाली है। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) ने गुजरात में गांधीधाम और वापी में दो नए परीक्षा केन्द्र स्वीकृत किए हैं, जो दिसंबर २०१९ में होने जा रही परीक्षा से कार्यरत हो जाएंगे।
आईसीएसआई के अध्यक्ष सीएस रंजीत पांडे ने बताया कि विद्यार्थियों को परीक्षा देने जाने में तकलीफ ना हो उसे देखते हुए गुजरात में गांधीधाम और वापी में दो नए परीक्षा केन्द्र शुरू किए गए हैं। दो नए परीक्षा केन्द्रों के साथ अब गुजरात में आठ शहरों में परीक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो गई है।
अहमदाबाद चेप्टर के स्थापना दिवस पर अहमदाबाद आए रंजीत पांडे ने बताया कि परीक्षा केन्द्र स्वीकृत करने के मामले में नियमों में बदलाव किया है। पहले पांच सौ विद्यार्थी एवं सौ किलोमीटर का नियम था, जिसे अब २५० विद्यार्थी एवं ५० किलोमीटर कर दिया है। इससे कच्छ जिले के विद्यार्थियों को सीएस की परीक्षा के लिए राजकोट एवं वलसाड़ जिले के विद्यार्थियों को सूरत नहीं जाना पड़ेगा। अभी तक गुजरात में अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, गांधीनगर, जामनगर केन्द्र थे। अब वापी और गांधीनगर भी हो गए हैं। इस मौके पर संस्थान के उपाध्यक्ष आशीष गर्ग, अहमदाबाद से पश्चिम काउंसिल के सदस्य चेतन पटेल और अहमदाबाद चेप्टर के अध्यक्ष मेहुल राजपूत उपस्थित रहे।
पुराने कोर्स की दिसंबर-१९ में अंतिम परीक्षा
पांडे ने बताया कि संस्थान की ओर से वर्ष २०१७ से सीएस फाउंडेशन से लेकर एक्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल कोर्स में बदलाव किया है। बदलाव के बाद तीन मौके पुराने कोर्स के विद्यार्थियों को देने होते हैं। दिसंबर २०१९ की परीक्षा उनके लिए अंतिम है। उसके बाद उन्हें अनिवार्य रूप से नए कोर्स की पढ़ाई करनी पड़ेगी। इस समय सीमा को बढ़ाने का संस्थान का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को राहत देने के लिए संस्थान ने परीक्षा में एक दिन का अंतराल रखने का निर्णय किया है। जिसके तहत दो मॉड्यूल में से एक मॉड्यूल की परीक्षा एक दिन और दूसरे की दूसरे दिन लेने का निर्णय किया है।
सीएसआर फंड असर का होगा मूल्यांकन
पांडे ने बताया कि आईसीएसआई की ओर से दिए गए सुझाव को सरकार ने मान्य रखते हुए कंपनी एक्ट संसोधन विधेयक में सीएसआर फंड के असर के मूल्यांकन को मंजूरी दी है।
वे इसके लिए गठित टास्क फोर्स के सदस्य थे। नए संशोधन के तहत सीएसआर फंड उसके खर्च, उसके इम्पैक्ट की एक स्वतंत्र प्रोफेशनल की ओर से ऑडिट की जाएगी। इस ऑडिट के लिए सीए, कॉस्ट एकाउंटेंट के साथ सीएस को भी मंजूरी देने की मांग की है। इसके अलावा सीएसआर फंड का उपयोग इनोवेशन और स्टार्टअप को मदद करने में भी करने का सुझाव दिया है। कंपनी सचिव भी जीएसटी का ऑडिट कर सकें उसकी मंजूरी सरकार से मांगी है।

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