मूलरूप से राजस्थान के भीलवाड़ा और हाल मोरबी में रहने वाली कुनिका शाह ने ३३८ अंक के साथ देश में 10वीं और अहमदाबाद में पहली रैंक पाई है। कुनिका बताती हंै कि कोरोना के चलते उन्हें पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिला। वे कहना चाहती हैं कि सफलता के लिए मॉड्यूल को दो से तीन बार गंभीरता पूर्वक पढऩा जरूरी है। पहले पेज से लेकर अंतिम पेज तक पढ़ाई के साथ उसमें दिए गए तथ्यों, कॉन्सेप्ट को भी समझना जरूरी है। वह आठ घंटे पढ़ाई करती थीं। कुनिका के पिता भावेश शाह मोरबी में टाइल्स के व्यवसायी हैं मां अंजना शाह दाहोद के प्राइमरी स्कूल में प्राचार्य हैं। कुनिका बताती हंै कि वह उद्यमी बनना चाहती हैं। कुनिका के मामा पवन दलाल और मामी डिम्पी सीए हैं।
३३८ अंक के साथ देश में 10वीं, अहमदाबाद में पहली रैंक पाने वालीं रुषा निमावत बताती हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि आप पढ़ाई का टाइम टेबल बनाएं। उन्होंने सेल्फ स्टडी के बूते सफलता पाई है। कोरोना के चलते उन्हें तैयारी करने का पर्याप्त समय मिला। वह दिन में तीन से चार घंटे ही पढ़ाई करती थीं। कोचिंग नहीं ली।