प्रोफेशनल में देश में छठा स्थान पाने वाले नील बताते हैं कि सफलता के लिए ट्रिपल सी को आधार बनाएं। पहला सी -कंसेप्ट क्लियर रखो। दूसरा पढ़ाई में कंसिस्टेंसी बनाए रखो। रिवीजन करना जरूरी है। कोर्स बहुत बड़ा है। तीसरा खुद पर कॉन्फिडेंस रखो। फोकस करके पढ़ाई करो सफलता मिलेगी। नील बताते हैं कि उन्हें टॉप १० में आने की उम्मीद थी क्योंकि उनकी तैयारी बेहतर थी। कोरोना के समय में उन्होंने रिवीजन पर ही ध्यान दिया। निरंतरता नहीं टूटने दी। बीकॉम पूरी करके वह एलएलबी कर रहे हैं।
सीए बने अब सीएस की बारी
सीएस एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में देश में 11वीं रैंक लाने वाले अंकुल पटवा नवंबर २०२० के घोषित परिणाम में उत्तीर्ण होकर सीए भी बन गए हैं। सीए की आईपीसीसी में २०१७ में १५वीं रैंक ला चुके हैं। वह बताते हैं कि लॉ में रुचि होने के चलते उन्होंने सीएस बनने की भी ठानी है। एक्जीक्यूटिव (न्यू कोर्स) की परीक्षा दी और इसमें भी रैंक लाने में सफलता पाई है। बिना ट्यूशन के मॉड्यूल के जरिए तैयारी करके सफलता पाई है। वे विद्यार्थियों को यही टिप्स देना चाहेंगे कि जितना भी पढ़ो ईमानदारी से पढ़ो। मॉड्यूल पर आधार रखो। दिक्कत हो तो कई फैकल्टी के लेक्चर यूट्यूब पर है उनकी भी मदद ले सकते हो। उन्होंने भी ऐसा ही किया है। पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूर रहो।
सीएस फाउंडेशन में 17वीं रैंक लाने के बाद एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम (न्यू कोर्स) में भी देश में 23वीं रैंक लाने वाली अंजली पालीवाल बताती हैं कि पढ़ाई में निरतंरता जरूरी है। रिवीजन भी करते रहो। चेप्टर को वेटेज के हिसाब से प्राथमिकता दो। कॉन्सेप्ट क्लिर रखना बहुत जरूरी है। राजस्थान के उदयपुर जिले की गोगुंदा तहसील के पानेरियो की भागल गांव की मूल निवासी अंजली यहां साबरमती में रहती हैं। परिवार की पहली ऐसी सदस्य हैं जो सीएस बन रही हैं। वे बताती हैं कि माता-पिता व पूरे परिवार का भरपूर सहयोग है। कोरोना में भी उन्होंने पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखी।