scriptयदि दूधात, डेर गुनहगार तो पंचाल, संघवी भी गुनहगार: परमार | If Dudhat, Der is Responsible So as Panchal, Sanghvi: Parmar | Patrika News

यदि दूधात, डेर गुनहगार तो पंचाल, संघवी भी गुनहगार: परमार

locationअहमदाबादPublished: Mar 15, 2018 12:11:36 am

Submitted by:

Uday Kumar Patel

उपनेता से किया सवाल कि दूधात ने पंचाल पर ही माइक से क्यों हमला किया

If Dudhat, Der is Responsible So as Panchal, Sanghv
गांधीनगर. कांग्रेस के उपनेता शैलेष परमार ने लोकतंत्र के लिए यह घटना काफी दु:खद है। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा के भीतर पहले भी ऐसी घटना घट चुकी है। भूतकाल में भी इस तरह की मारा-मारी की घटनाएं हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि वे अपने युवा विधायक प्रताप दूधात का बचाव नहीं कर रहे, लेकिन ऐसा क्या घटा कि दूधात ने और किसी को नहीं बल्कि सिर्फ भाजपा विधायक जगदीश पंचाल पर ही माइक से क्यों हमला किया? पंचाल ने दूधात को असंसदीय शब्द कहें। पंचाल ने ऐसा अपशब्द कहा कि वे सार्वजनिक रूप से नहीं कह सकते। अपशब्द कहने पर ही दूधात को इस तरह की घटना के लिए मजबूर होना पड़ा।
परमार ने यह भी कहा कि यदि दूधात दोषी हुए तो उन्हें उकसाने वाले पंचाल भी दोषी हैं। यदि दूधात व अमरीश डेर गुनाहगार हैं तो पंचाल व हर्ष संघवी ने भी गलत किया। इसलिए दोनों तरफ के सदस्य गुनाहगार हैं। सिर्फ विपक्ष ही गुनाहगार नहीं होता है। कोई व्यक्ति जब माइक उठाता है तो इसके पीछे कुछ न कुछ कारण जरूर है।
दूधात व अमरीश को तीन वर्ष के लिए निलंबन के प्रस्ताव का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों विधायकों को सिर्फ इस सत्र के लिए निलंबित किया जाए वहीं उन्होंने पंचाल व संघवी के लिए भी कड़ी कार्रवाई की मांग की।
घटना की वीडियो सार्वजनिक की जाए
वंश ने इस पूरी घटना का वीडियो सार्वजनिक किए जाने की बात कही। उन्होंने स्पीकर से कहा कि यदि इस घटना का वीडियो सार्वजनिक किया जाएगा तो राज्य के आम लोगों को इस घटना का पता चल सकेगा।
चर्चा से दूर भागना चाहती है भाजपा: माडम

खंभालिया से कांग्रेस विधायक विक्रम माडम ने कहा कि भाजपा लोगों की समस्याओं की चर्चा से दूर भागना चाहती है। चर्चा से दूर भागने के लिए ट्रेजरी बेंंच के इशारे पर कुछ भाजपा विधायक कांग्रेस विधायक को अपशब्द से उकसाने का काम करते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें गत 19 फरवरी से वे प्रश्न पूछने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पूछने नहीं दिया जा रहा। बुधवार को उन्होंने प्रश्नकाल के बाद प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाना चाहा, लेकिन उन्हें इसकी मंजूरी नहीं दी गई।

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