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IITGn: ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कॉप शोधकर्ताओं के लिए होगा मददगार

locationअहमदाबादPublished: Feb 27, 2020 10:14:49 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

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IITGn: ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कॉप शोधकर्ताओं के लिए होगा मददगार

IITGn: ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कॉप शोधकर्ताओं के लिए होगा मददगार

गांधीनगर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आईआईटी गांधीनगर) ने अपने परिसर में एक अत्याधुनिक ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का उद्घाटन किया है। लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह सुविधा गुजरात में अपनी तरह की एक है और देश के कई ऐसे माइक्रोस्कोप में से एक है। ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप मटीरियल्स के बहुत अधिक मेग्नीफिकेशन स्तर पर तस्वीर लेने के लिए हाई एनर्जी इलेक्ट्रॉन बीम्स का उपयोग करता है। यह शोधकर्ताओं के लिए काफी मददगार होगा। अध्यतन इलेक्ट्रोमेग्नेटिक लेन्सीस के साथ यह मटीरियल्स को उनके वास्तविक आकार से 1 मिलियन गुना तक मेग्निफाय सकता है। ये तस्वीरें मटीरियल्स के कद, आकार और मोफऱ्ोलोजीकल विवरण में विस्तृत मिल सकती हैं।
इस अल्ट्रामॉडर्न सुविधा से आईआईटी गांधीनगर और उसके बाहर के फैकल्टी, रिसर्च स्कॉलर्स और छात्रों के लिए आधुनिक शोध के अवसरों की नई संभावनाएं खुली हैं। इस अवसर पर आईआईटी गांधीनगर के निदेशक प्रो. सुधीर जैन ने कहा, ‘वैश्विक मानकों को पूरा कर सके ऐसी गुणवत्ता के अनुसंधान के लिए आधुनिक उपकरण और साधन आवश्यक हैं। फेकल्टी और छात्रों को अपनी शोध क्षमता बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम शोध सुविधाएं प्रदान किया जाएगा। आईआईटी गांधीनगर की सर्व-समावेशी नीति, जहां कोई भी ज्ञान-शोधक आकर सेमेस्टर कोर्स कर सकता है। वहीं संस्थान के पुस्तकालय से पढऩे के विशाल संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं और अन्य तकनीकी प्रयोगशालाओं में काम कर सकते हैं। यह सुविधा शिक्षा और उद्योग क्षेत्र दोनों के बाहरी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगी। इस नवीनतम शोध सुविधा से वैज्ञानिक खोजें होंगी जो समाज में विभिन्न चुनौतियों को हल करने में मदद करेंगी। संस्थान के मटीरियल्स सायन्स और इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर और इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाले प्रो. अभय गौतम ने इस सुविधा की जानकारी देते कहा यह उपकरण ऐसे हाई रिज़ोल्युशन और आणविक परिशुद्धता के साथ सामग्री की संरचना और घटकों का अध्ययन करने के लिए इलेक्ट्रोमेग्नेटिक इंटरफेरन्स, जमीन कंपन, अकोस्टिक्स और थर्मल उतार-चढ़ाव के संदर्भ में कठोर पर्यावरण स्थिरता की मांग करता है। यह एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन आईआईटी गांधीनगर ने 8 महीने से भी कम समय में खुद इस विशेष रूप से डिजाइन की गई लैब को स्थापित करने में कामयाबी हासिल की है, जो आईआईटी गांधीनगर की तकनीकी और गैर-तकनीकी सपोर्ट सीस्टम की प्रतिबद्धता और क्षमता की पुष्टि करता है।
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