बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग के पीएचडी स्कॉलर राजेश हदिया को प्रतिष्ठित एसईआरबी- सीआईआई प्रधानमंत्री फैलोशिप के लिए चुना गया है। यह भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई की एक प्रतिस्पर्धात्मक छात्रवृत्ति है। इसका उद्देश्य उद्योग से संबंधित अनुसंधान के लिए युवा, प्रतिभाशाली, उत्साही और परिणाम-उन्मुख स्कोलर्स को प्रोत्साहित करना है।
एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि में, आईआईटी-गांधीनगर के छह पीएचडी छात्रों ने इस वर्ष मई की प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप प्राप्त की है, जिसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रसन्ना कुलकर्णी और योगेश सिंह, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से आशीष तिवारी, सचिन कुमार सुथार और कैलाश प्रसाद; और भौतिकी के राजेश घोष शामिल हैं। यह फेलोशिप नवाचार से विकास के सपने को साकार करने के लिए कठोर चयन चक्रिया के बाद अनुसंधान के लिए सर्वोत्तम प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करता है।
वहीं दो और पीएचडी छात्र, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के चंदन कुमार झा और बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग की नक्शी देसाई ने आईआईएम-अहमदाबाद में सेंटर फॉर इनोवेशन इंक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप से स्टुड्न्ट स्टार्टअप ग्रांट चेलेंज जीती हैं। चंदन को यह ग्रांट स्ट्रॉक से बचे लोगों के लिए एक वच्र्युुअल रियालिटी-आधारित हैंड रिहेबीलीटेशन और असेसमेंट प्लेट्फोर्म विकसित करने के लिए मिली है। जबकि नक्शी को यह ग्रांट विशेष रूप से प्रोस्टेट कैंसर के निदान व परीक्षण को लेकर उनके विचार के लिए मिली है। नक्शी को युनिवर्सिटी ओफ गोथेनबर्ग में 90 दिनों की अवधि के लिए एक पूरी तरह से वित्त पोषित इंटर्नशिप के लिए भी चुना गया था।
आईआईटी-गांधीनगर के छात्रों की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए, स्नातकोत्तर अध्ययन के एसोसिएट डीन प्रो कृष्ण कांति डे ने बताया कि कि हमारे छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां प्राप्त करते देखना संस्थान के लिए बहुत गर्व की बाती है। आईआईटी-गांधीनगर हमेशा अपने छात्रों को उच्च लक्ष्य निर्धारित करने और अपने सपनों को सच करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।