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अहमदाबाद

केडेवर अंग लेने वालों में बालिकाओं की बढ़ रही है संख्या

 
नेशनल गलर््स चाइल्ड दिवस पर विशेष

अहमदाबादJan 23, 2022 / 09:33 pm

Omprakash Sharma

केडेवर अंग लेने वालों में बालिकाओं की बढ़ रही है संख्या

केडेवर अंग लेने वालों में बालिकाओं की बढ़ रही है संख्या

अहमदाबाद. केडेवर अंगों के लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन के कारण अंग पाने वाली बालिकाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) की ओर से इसके लिए जागरुकता कार्यक्रमों का लगातार आयोजन किया जा रहा है। जिसके कारण पहले की तुलना में बालिकाओं का केडेवर दाता या जीवित अंग दाताओं के माध्यम से तुलनात्मक रूप से अंग प्रत्यारोपण ज्यादा होने लगे हैं।
नेशनल गल्र्स चाइल्ड डे के अवसर पर आईकेडीआरसी के निदेशक डॉ. विनीत मिश्रा ने यह कहा। उन्होंने कहा कि इस्टीट्यूट में जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं उससे आर्गन ट्रान्सप्लान्ट में बालिकाओं के मुकाबले बच्चों को अभिभावक ज्यादा महत्व देते हैं। पिछले पांच वर्ष से जागरुकता के चलते इस तरह के मामले कम हुए हैं और अब केडेवर अंग पाने की दौड़ में बालिकाओं के भी रजिस्ट्रेशन बढऩे लगे हैं।
आईकेडीआरसी में 52 बच्चे किडनी ट्रान्सप्लान्ट की प्रतिक्षा सूची में हैं। जीवित दाताओं से किडनी प्रत्यारोपण का रजिस्ट्रेशन कराने वालों में से सात बच्चे हैं और दो बालिकाएं हैं। केडेवर प्रोग्राम के अन्तर्गत हाल में जिन 20 बच्चों के रजिस्ट्रेशन किए गए हैं उनमें 11 बच्चे हैं जबकि नौ बालिकाएं हैं।

बच्चों को अंगदाताओं में 72 फीसदी महिलाएं

डॉ. विनीत मिश्रा ने कहा कि आईकेडीआरसी में अब तक 412 बच्चों के किडनी ट्रान्सप्लान्ट हुए हैं। इनमें से 329 को किडनी जीवित दाताओं से मिली है जबकि 83 को केडेवर दाताओं से किडनी मिली है। जिन बच्चों को जीवितदाताओं ने किडनी दी है उनमें 72 फीसदी महिलाएं हैं और 28 फीसदी पुरुष दाता हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो में 200 बच्चों के किडनी ट्रान्सप्लान्ट किए गए। इनमें पांच वर्ष पहले की तुलना में बालिकाओं की संख्या बढ़ी है।

काउंसलिंग और जागरुकता ला रही है रंग
जरूरतमंद बालिकाओं को किडनी ट्रान्सप्लान्ट के लिए केडेवर प्रोग्राम और निशुल्क उपचार के लिए लोगों को काउंसलिंग दी जा रही है। जिसके पारिणामस्वरूप लड़कियों को लाभ मिल रहा है।
डॉ. विनीत मिश्रा, निदेशक आईकेडीआरसी

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