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Ahmedabad : महिला के एक साथ किडनी और पेनक्रियाज का सफल प्रत्यारोपण

locationअहमदाबादPublished: Oct 19, 2020 11:38:31 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

डायलिसिस और इंसुलिन से जीवन बिता रही
मधुमेह और किडनी संबंधित बीमारी से मिली मुक्ति

Ahmedabad : महिला के एक साथ किडनी और पेनक्रियाज का सफल प्रत्यारोपण

Ahmedabad : महिला के एक साथ किडनी और पेनक्रियाज का सफल प्रत्यारोपण

अहमदाबाद. शहर के किडनी अस्पताल में एक महिला का दोहरे अंगों का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। जिससे महिला को न सिर्फ डायलिसिस से मुक्ति मिली है बल्कि मधुमेह की वजह से प्रतिदिन कई बार लिए जाने वाले इंसुलिन से भी निजात मिलने लगी है। अहमदाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) अर्थात किडनी अस्पताल में यह जटिल ऑपरेशन पिछले महीने किया गया था।
मोरबी जिले की 35 वर्षीय महिला बचपन से ही टाइप-1 डायबिटीस से पीडि़त थी। पिछले कुछ वर्षों से स्थिति यह थी कि उसे दिन में कई बार इंसुलिन लेना पड़ता था। इस बीमारी की वजह से पांच वर्ष पूर्व उसे अपनी दोनों किडनी भी गंवनी ुपड़ी। इसके बाद तो महिला को जहां सप्ताह में तीन बार डायलिसिस करना पड़ रहा था वहीं इंसुलिन भी लेना पड़ रहा था। उपचार के लिए यह महिला अहमदाबाद के किडनी अस्पताल में आई। जहां पिछले महिने उसका जटिल ऑपरेशन किया गया। जिसमें किडनी और पेनक्रियाज (अग्नाशय) का दोहरा प्रत्यारोपण किया। अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के डॉ. जमाल रीजवी और देवांशु पटेल ने यह ऑपेरशन किया। दोनों ही अंग केडेवर (ब्रेन डेथ) दाता के हैं। लगभग सात घंटे तक यह ऑपरेशन चला था। जिसके बाद महिला की स्थिति में काफी सुधार देखा गया है। आगामी दिनों में उसे छुट्टी दे दी जाएगी।डॉ. जमाल रीजवी ने बताया कि ऑपरेशन के बाद महिला का जीवन स्तर बदल गया है। उसे न सिर्फ डायलिसिस से मुक्ति मिली है बल्कि इंसुलिन लेने से भी निजात मिल जाएगी।
एक साथ दोहरा ट्रान्सप्लान्ट दुर्लभ
डॉ. जमाल का कहना है कि एक साथ दोहरा ट्रान्सप्लान्ट करना देश में दुर्लभ है। इसके लिए विशेष केडेवर दाता की जरूरत होती है। पिछले तीन वर्ष में आईकेडीआरसी में आठ दोहरे ट्रान्सप्लान्ट किए गए हैं।
दस हजार में से एक को इस तरह की समस्या

चिकित्सकों के अनुसार टाइप-1 डायबिटीज के कारण किडनी और पेनक्रियाज के विफल होने की समस्या दस हजार लोगों में से किसी एक को हो सकती है। आईकेडीआरसी में भर्ती मरीजों में से मधुमेह की दर 20 फीसदी है। जबकि टाइप-1 डायबिटिस की दर 0.5 फीसदी है।
6000 को दोहरे अंगों के ट्रान्सप्लान्ट की जरूरत
गुजरात में प्राप्त आंकड़ों के आधार पर टाइप वन डायबिटीस के साथ राज्य में छह हजार लोग जी रहे हैं। ये वे लोग हैं जिन्हें आगामी दिनों में दोहरे ट्रान्सप्लान्ट की जरूरत हो सकती है। इस समस्या के चलते किडनी पर असर पड़ता है और अग्नाशय की क्रिया पहले से ही प्रभावित हो चुकी होती है।
डॉ. विनीत मिश्रा, निदेशक आईकेडीआरसी
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