क्राइम ब्रांच ने सूचना के आधार पर यहां दबिश दी। मौके से सीपीयू, राउटर, मैजिक जेक डिवाइस, मोबाइल फोन जप्त किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य आरोपी अब्दुल लतीफ शेख, डेनी बालोटिया, सुनील कुमावत, आकाश कनोजिया शामिल हैं।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी मिली हुई लीड के आधार पर अमरीका के लोगों को फोन करते थे। ईमेल भी भेजते थे। इसमें उन्हें ऋण देने एवं इंश्योरेंस देने की लुभावनी योजनाएं बताते। इसके लिए तैयार होने वाले अमरीकी व्यक्ति से उसकी ऋण भरने की क्षमता जानने के लिए उससे १०० व २०० डॉलर आईटयून या फिर मनीग्राम के जरिए मंगाते। इतने डॉलर देने वाले से ऋण के इंश्योरेंस के नाम पर वापस १५० डॉलर के आईट्यून भेजने को कहते थे।
यदि इस पद्धति से व्यक्ति दोबारा पैसे ना दे तो उनके ई- मेल आईडी को लेकर उस पर बैंक की एप्लीकेशन के माध्यम से फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करके चेक जमा होने की एंट्री की डिटेल भेजते थे। ऐसा करके जितने रुपए का फर्जी डॉक्यूमेंट का चेक बैंक के जरिए भेजा होता उतने रुपए का आईट्यून कार्ड नंबर देने को कहते थे। ऐसा करके यह शातिर आरोपी न सिर्फ अमरीकी लोगों को चपत लगा रहे थे। बल्कि अमरीका की कई बैंकों को भी चपत लगा चुके हैं।
अमरीकी लोगों को फोन करने के लिए यह मैजिक जेक का उपयोग करते थे। इसके जरिए फोन करने के दौरान अपनी असली पहचान छिपाते थे और अमरीका में जैसा लोगों का नाम होता था वैसे ही नाम से अपना परिचय देते थे। लोगों का विश्वास जीतने के लिए स्पीडी केस एवं सिटी फायनांशियल कंपनी के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उन्हें भेजते थे।