अदालत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी इलियास होथ के जंगल क्षेत्र मेेंं बसाए गए गांव ध्रुंबक की जमीन को अपने अधिकार में लेने का निर्देश भी दिया जहां 18 मई 2018 को अवैध रूप से शेरों को दिखाने का मामला सामने आया था। होथ ने इस जगह पर अवैध रूप से शेरों को दिखाने के लिए अन्य आरोपियों को यहां बुलाया था। एक अन्य व्यक्ति अब्बास रिंग बलोच ने शेरों को लालच देने के लिए मुर्गियों की व्यवस्था की थी।
इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई। यह मुकदमा गिर गढडा के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार दवे की अदालत में चला जहां अदालत ने इन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 248(2) और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी पाया गया। इसके तहत छह को तीन-तीन वर्ष की सजा व एक अन्य को एक वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई। साथ ही इस मामले में एक महीने के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट के भी निर्देश दिए गए। जुर्माने के रूप में 35 हजार की रकम को मुआवजे के रूप में राज्य सरकार में इसे शेर कल्याण फंड में जमा कराने को कहा गया।