scriptसंकल्प ग्रुप पर आयकर की दबिश | Income tax raid on Sankalp group | Patrika News

संकल्प ग्रुप पर आयकर की दबिश

locationअहमदाबादPublished: Oct 30, 2018 10:16:21 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

2.25 करोड़ से राशि बरामद, 12 लोकर सील, कंपनी मालिकों पर होगी ‘फेमाÓ कार्रवाई

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संकल्प ग्रुप पर आयकर की दबिश

अहमदाबाद. आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह एक संकल्प ग्रुप के 17 ठिकानों पर दबिश दी, जिसमें अहमदाबाद के छह ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की गई। मंगलवार शाम तक इस ग्रुप पर कार्रवाई जारी रही, जिसमें 2.25 करोड़ से ज्यादा की राशि जब्त की गई। वहीं 12 बैंक लोकर भी मिले। आयकर अधिकारी कंपनी मालिक कैलाश, रोबिन और डिम्पंल गोयन्का पर ‘फोरेन एक्सचेंज मैनेजमेन्ट एक्टÓ (फेमा) के तहत कार्रवाई करेंगे।
आयकर विभाग के पचास अधिकारियों और सुरक्षा जवानों ने मंगलवार सुबह संकल्प ग्रुप पर दबिश दी, जिसके रमाडा होटल, संकल्प रेस्टोरेन्ट, रियल एस्टेट और सेफ्रोन होटल समेत 17 ठिकानें शामिल है। वहीं अहमदाबाद में होटल रामाडा समेत छह ठिकानों पर कार्रवाई की गई। सुबह अचानक आयकर अधिकारियों के काफिले पहुंचने इन प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों में खलबली मच गई। दिनभर चली कार्रवाई में किसी भी कर्मचारियों को प्रतिष्ठानों से बाहर नहीं जाने दिया गया। वित्तीय गड़बड़ी की आशंका के चलते आयकर विभाग ने यह कार्रवाई की। मंगलवार शाम तक चली कार्रवाई में आयकर विभाग को 2.25 करोड़ से ज्याद राशि और 12 बैंक लोकर मिले। कार्रवाई में सामने आया कि ये चेक के बदले नकदी में कमीशन कारोबार करते थे। रमाडा, संकल्प रेस्टोरेन्ट, रियल एस्टेट और सेफ्रोन होटल में बड़े पैमाने पर अनाधिकृत नकदी लेनदेन सामने आया। विदेशों में भी अनाधिकृत तरीके से लेनदेन हुआ। कंपनी मालिक रोबिन और डिम्पल गोयन्का का सात देशों में कारोबार है। रोबिन गोयन्का 17 कम्पनियों में निदेशक हैं जबकि दश कम्पनियों में डिरेक्टरशिप सरेण्डर किया है। कम्पनी मालिकों के गांधीनगर स्थित कल्हार बंगला पर भी दबिश दी गई थी।
स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप मामले में ईडी ने दायर की शिकायत

अहमदाबाद. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्पेशल प्रिन्वेशन ऑफ मनी लॉण्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट – नई दिल्ली में स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड (सांडेसरा ग्रुप) के मामले में शिकायत दर्ज कराई है। ईडी ने पिछले वर्ष इस ग्रुप के खिलाफ मनी लॉण्डरिंग का मामला दर्ज किया गया था। ईडी की जांच में सामने आया था कि सांडेसरा एवं अन्य ने बैंकों के धोखाधड़ी करने की साजिश रची थी। उन्होंने अपनी फ्लैगशिप कम्पनियों की बैलेंस शीट में आंकड़ों में फेरबदल कर ज्यादा ऋण मंजूर कराया था। ऋण लेने के बाद उन्होंने उसे लोन फंड में तब्दील कर दिया था। अब तक ऋण धोखाधड़ी की राशि बढ़कर 8100 करोड़ रुपए हो गई।
ग्रुप की स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, पीएमपी मशीन लिमिटेड, स्टर्लिंग सेज एवं इंफ्रा लिमिटेड सहित 184 कम्पनियों के अलावा 191 आरोपियों के खिलाफ प्रोसिक्युशन शिकायत दर्ज कराई गई। जांच में यह भी सामने आया कि मालिकों ने अपने कर्मचारियों का नाम उपयोग कर 249 शेल कम्पनियां बनाई थी। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने उनसे असली पैनकार्ड, स्टाम्प, सील, एसोसिएशन के मेमोरेण्डम, हस्ताक्षर समेत 15 लाख दस्तावेज जब्त किए थे।
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