किसी दल या व्यक्ति के साथ ज्यादा अटैचमेंट होने और फिर उसके विपरीत परिणाम आने पर व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है। कभी-कभी यह डिप्रेशन इतना प्रभावशाली भी होता है कि उपचार की जरूरत होती है। ऐसे में व्यक्ति को चाहिए कि वह वास्तविकता को स्वीकार करे, जिससे मन हल्का हो। बाइपोलर जैसे दुष्प्रभाव से बचने के लिए यह जरूरी है। ज्यादा असर होने पर काउंसलिंग और उपचार की भी जरूरत हो सकती है।
डॉ. अश्विन जंसारी, पूर्व अध्यक्ष मनो विज्ञान विभाग, गुजरात युनिवर्सिटी