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अहमदाबाद

Gujarat election 2022: चुनाव में सोच के अनुकूल परिणाम नहीं मिलने पर बढ़ी चिंता

 
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अहमदाबादDec 13, 2022 / 11:03 pm

Uday Kumar Patel

Gujarat election 2022: चुनाव में सोच के अनुकूल परिणाम नहीं मिलने पर बढ़ी चिंता

Gujarat election 2022: चुनाव में सोच के अनुकूल परिणाम नहीं मिलने पर बढ़ी चिंता


उदय पटेल

अहमदाबाद. गुजरात विधानसभा के चुनाव संपन्न हो गए हैं। अब नई सरकार का गठन भी हो गया है। राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों को हार-जीत की खुशी और गम होना स्वाभाविक है, लेकिन इसका असर ऐसे कुछ लोगों पर भी देखा जा रहा है जो राजनीतिक दलों से जुड़े नहीं हैं, लेकिन वे पिछले कुछ दिनों से चुनावी माहौल में रह रहे थे। ऐसे चुनावी माहौल के बाद बाइपोलर मेनिया के लक्षण के मामले में वृद्धि हुई है। इसके अलावा पैनिक अटैक, गुस्सा और चिड़चिड़ापन वाले मामले भी सामने आ रहे हैं।
शहर के मेंटल अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. रमाशंकर यादव के अनुसार उनके पास इस तरह के कुछ मामले सामने आए हैं। 45 वर्षीय व्यक्ति पिछले कुछ दिनों से चुनावी माहौल में रह रहा था। चुनाव परिणाम से पहले से ही यह व्यक्ति गुस्से में रहने लगा और फिर एक राजनीतिक दल के पक्ष में नारे लगाने लगा। जबकि अन्य राजनीतिक दल के खिलाफ नारेबाजी करने लगा। इसके बाद उसका गुस्से में रहना और पेनिक अटैक की शिकायत कराने लगा। रात को नींद नहीं आने जैसे मानसिक बीमारी के लक्षण होने पर इस व्यक्ति को उपचार दिया जाने लगा है। इसी तरह के लक्षण कुछ अन्य युवक में भी देखे गए। इस युवक को इसलिए मानसिक रोग संबंधित उपचार शुरू करना पड़ा कि उसे एक राजनीतिक दल की ओर से उसे बैनर, टोपी आदि नहीं मिले थे।
दुष्प्रभाव से बचने को वास्तविकता स्वीकारना जरूरी

किसी दल या व्यक्ति के साथ ज्यादा अटैचमेंट होने और फिर उसके विपरीत परिणाम आने पर व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है। कभी-कभी यह डिप्रेशन इतना प्रभावशाली भी होता है कि उपचार की जरूरत होती है। ऐसे में व्यक्ति को चाहिए कि वह वास्तविकता को स्वीकार करे, जिससे मन हल्का हो। बाइपोलर जैसे दुष्प्रभाव से बचने के लिए यह जरूरी है। ज्यादा असर होने पर काउंसलिंग और उपचार की भी जरूरत हो सकती है।

डॉ. अश्विन जंसारी, पूर्व अध्यक्ष मनो विज्ञान विभाग, गुजरात युनिवर्सिटी
क्या है बाइपोलर मेनिया

मरीज का मन उदास रहने के साथ साथ काम करने में मन नहीं लगना आदि है। इसमें चिड़चिड़ापन, घबराहट, आत्मग्लानि, भविष्य के बारे में निराशा, खुद से नफरत की भावना भी पैदा हो जाती है। आत्मविश्वस में भी कमी आती है। इसके अलावा कभी-कभी कानों में आवाजें आने लगती हैं।

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