वे बताते हैं कि लॉक डॉउन में समय का सदुपयोग कर ये मास्क बनाए हैं, जिसमें परिजनों के सहयोग रहा है। बचपन में माताजी के साथ रेडीमेड कपड़ों की सिलाई किया करता था। फिर एकबार फिर खुद सिलाई मशीन पर बैठकर मास्क बनाना शुरू किया। सभी के सहयोग से 550 मास्क बनाएं और टीम यूनियन की 108 के साथियों की मदद से पुलिस, अस्पताल और गरीब जरूरतमंदों को मास्क वितरण किया ।