मनपा आयुक्त को दिए गए ज्ञापन में आरोप लगाया है कि बीपीएल कार्ड धारकों और वरिष्ठ नागरिकों का जीजी अस्पताल में मुफ्त इलाज होता है। अस्पताल की एमआरआई मशीन गत 10 जून से बंद है। इस वजह से मजबूरी में सभी मरीजों को निजी अस्पतालों में 8 से 10 हजार रुपए देकर जांच करवानी पड़ रही है। इसमें से काफी मरीज ऐसे हैं जो निजी अस्पतालों में जांच करवाने में असमर्थ हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मरीज ब्याज पर रुपए लेकर मजबूरी में निजी अस्पतालों में जांच करवाने के लिए बाध्य हैं। यदि इस अस्पताल में जांच करानी है तो गरीब मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करने को कहा जाता है। अस्पताल की एमआरआई मशीन 12 वर्ष पुरानी है। इसलिए ज्यादातर समय यह खराब रहती है। इसके सालाना रखरखाव का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया है। लेकिन संबंधित एजेंसी के मालिक का कहना है कि अस्पताल प्रशासन पर उसका 30 लाख रुपए का बिल बकाया है। जब तक इसका भुगतान नहीं हो जाता है तब तक मशीन का मरम्मत नहीं हो पाएगा।