अल्पकाल में पौधे सघन वन का रूप ले लेते हैं जापान की अकीरा मियावाकी पद्धति अल्पकाल में घने और घटादार पौधे लगाकर वनों को विकसित करने के लिए विकसित की गई है। दुनिया के कई देशों के वनस्पति शाी ने मियावाकी पद्धति को अपाकर जंगलों का निर्माण किया है। 100 वर्ष जैसे लगनेवाले घने जंगल हो ऐसे पौधे सिर्फ 10 वर्षों में ऐसी पद्धति से हो सकते हैं। मौजूदा समय में यह पद्धति दुनिया के केन्या, आस्ट्रेलिया, कोरिया, जापान, अमरीका समेत छोटे-बड़े देशों में लगाए जा रहे हैं।
वडोदरा जिले की ग्राम पंचायतों को मियावाकी पद्धति से गांवों में पौधे लगाने का मार्गदर्शन दिया जा रहा है। सामाजिक वनीकरण विभाग-वडोदरा ने पादरा तहसील के जलालपुर गांव में एक प्लॉट में पौधे लगाने शुरू किए हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इसका मार्गदर्शन दिया। वडोदरा जिला ग्राम विकास एजेंसी के निदेशक बी.बी. चौधरी ने जानकारी देते कहा कि एक प्रयोग के तौर पर मनरेगा के तहत वडोदरा जिले की अलग-अलग पंचायतों में 35 हेक्टेयर भूमि में मियावाकी पद्धति से पौधे लगाने की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें पहले चरण में 30 से 35 पंचायतों को जोड़ा जाएगा।
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