बताया जा रहा है कि सिंधिया व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच मध्यस्थता में गायकवाड परिवार की महती भूमिका है। यह भी चर्चा है कि वडोदरा के पूर्व राजपरिवार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ज्योतिरादित्य की प्रधानमंत्री से मुलाकात तय हुई। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मुलाकात के बाद ही ज्योतिरादित्य ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया और बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।
बताया जाता है कि सिंधिया को भाजपा की ओर लाने में लंबे समय से गायकवाड परिवार की ओर से प्रयास जारी थे।
संग्राम सिंह गायकवाड और नेपाली शाही परिवार की उनकी पत्नी आशा राजे के प्रयासों से गत वर्ष सितम्बर महीने में मुंबई में सिंधिया व भाजपा के एक दिग्ग्ज नेता के बीच बैठक हुई थी। इसके बाद ही सिंधिया ने अपने ट्वीटर एकाउंट से कांग्रेस का उल्लेख हटा दिया था। इसके बाद ही सिंधिया के बदले हुए तेवर चर्चा का विषय बन गए थे।
हालांकि सिंधिया व भाजपा के बीच मध्यस्थता में समरजीत सिंह गायकवाड या उनकी माता व पूर्व सांसद शुभांगिनी राजे की कोई भूमिका की बात नहीं बताई जाती।
ज्योतिरादित्य और प्रियदर्शिनी का विवाह 1994 में हुआ था। प्रियदर्शिनी का जन्म वडोदरा के गायकवाड मराठा परिवार में हुआ था। ज्योतिरादित्य के ससुर संग्राम सिंह के पिता प्रतापसिंह गायकवाड आजादी के पहले वडोदरा रियासत के अंतिम राजा थे।