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राजकोट में काल बना कोरोना: 48 घंटों में 101 ने दम तोड़ा

locationअहमदाबादPublished: Apr 14, 2021 06:12:07 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

42 मौत में से 11 की कोविड डेथ ऑडिट रिपोर्ट में स्वीकारोक्ति

राजकोट में काल बना कोरोना: 48 घंटों में 101 ने दम तोड़ा

राजकोट में काल बना कोरोना: 48 घंटों में 101 ने दम तोड़ा

राजकोट. वैसे तो राज्य भर में कोरोना तेजी से फैल रहा है वहीं पूरे सौराष्ट्र इलाके में राजकोट में भयानक स्थिति की ओर है।

शहर में कोरोना महामारी अधिक घातक बनकर उभरा है। संक्रमण दर समेत मौत के आंकड़ों में उछाल से भयावह माहौल बन गया है।
मंगलवार को एक दिन में अब तक सर्वाधिक 59 लोगों की मौत के बाद शहर में खौफ का माहौल है। पिछले 48 घंटे में 101 मौत दर्ज किया गया। पिछले साल के कोरोना महामारी के दौरान मौत का आंकड़ा इतना अधिक नहीं था।
दूसरी लहर अधिक भयावह साबित हो रही है। कोरोना के कारण बढ़ते मौत का आंकड़ा लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है।

हालांकि यह भी आरोप लगने लगे हैं कि यह सरकारी प्रशासन के लिए महज आंकड़ों का खेल है। हालांकि प्रशासन की ओर से मौत के आं$कड़ों पर पहले की तरह ही मौन धारण किया गया है।
सोमवार को 42 मरीजों की मौत हुई जबकि सरकार की कोविड डेथ ऑडिट कमेटी की ओर से महज 11 लोगों की मौत की पुष्टि की गई।

सरकारी रजिस्टर में मंगलवार को दर्ज हुए 59 मौत पर भी सवाल खड़े है, बताया जा रहा है कि यह आंकड़ा 90 से अधिक है।
पिछली बार के कोरोना संक्रमण के दौरान इसकी चपेट में अधिकांश वृद्ध, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, किडनी, हृदयरोगी थे, जबकि इस बार 14 से 40 वर्ष आयु के अधिक लोग बीमार हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार सुबह जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में मौत का आंकड़ा 59 बताया है।
सरकारी प्रयास भी हो रहे विफल
स्वास्थ्य विभाग की 542 टीमों की सर्वेलेंस टीम के सर्वे में बुखार, सर्दी और सांस लेने में परेशानी वाले 142, धनवंतरी रथ में 94 और हेल्थ सेंटर में 39 ओपीडी केस दर्ज किए गए।
104 हेल्थ लाइन में 51 और 108 हेल्पलाइन में 63 कॉल और बेड की सुुविधा के लिए हेल्पलाइन में 170 लोगों ने कॉल कर मदद मांगी। संजीवनी रथ के जरिए 645 परिवारों का स्वास्थ्य सर्वे किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने बोराणा, पाटडी, पडवला, शिवराजपुर क्षेत्र में सर्वे किया। इसके अलावा 55 टेस्टिंग वाहनों के जरिए 3 हजार एंटीजन टेस्ट कराया गया। सरकारी और निजी अस्पतालों में 182 बेड की उपलब्धता बताई गई है।
वुहान सरीखे हालात की संभावना
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राजकोट इकाई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अतुल पंड्या ने कहा कि राजकोट की स्थिति काफी चिंताजनक है। उन्होंने वुहान सरीखे हालात की आशंका जताई।

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