केवडिय़ा में 562 देशी रियासतों के म्यूजियम निर्माण. पूर्व रियासत परिवारों के खिले चेहरे
kevadia, museum, statue of unity, CM rupani, Gandhinagar news: मुख्यमंत्री का जताया आभार , 40 लाख सैलानी देख चूके हैं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी

गांधीनगर. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (CM rupani) ने कहा कि अखंड भारत की रचना के लिए अपने रजवाड़ों को समर्पित करने वाले 562 देशी रियासतों के गौरवशाली इतिहास और उनकी शौर्य गाथा को प्रस्तुत करने वाला विश्वस्तरीय म्यूजियम (museum) केवडिय़ा स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी ( staue of unity) परिसर में तैयार होगा।
गांधीनगर में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सौराष्ट्र, कच्छ सहित देशभर के विभिन्न प्रांतों के पूर्व रियासत परिवारोंं के सदस्यों के साथ केवडिय़ा स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में म्यूजियम निर्माण को लेकर एक परामर्श बैठक आयोजित हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की परिकल्पना की थी ऐसे में, ऊंचे कद के व्यक्ति की ऊंची प्रतिमा ही नहीं बल्कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना भी साकार की है। केवडिय़ा में एकता नर्सरी, एकता भवन में भारत की विशेषताओं को प्रस्तुत किया गया है। अलग-अलग भाषाओं, बोली, पहनावे और हर प्रांत की संस्कृति एव कला के साथ एकता का भाव प्रदर्शित करने वाला एकता मॉल भी यहां है।
सैलानियों (tourist) को होगी एकता की अनुभूति
उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी में आने वाले देशभर के सैलानियों को एकता की अनुभूति हो। यहां समूची व्यवस्था के केंद्र में एकता का भाव है। आपके पूर्वजों ने अपने बलिदान और शौर्य के जरिए जो 562 रियासतें स्थापित की थी, उसे देश की एकता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित कर दिया था। म्यूजियम में प्रदर्शित होने वाला 562 रियासतों का इतिहास, शौर्य और गौरव गाथा आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणादायी बनेगी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भारत का वास्तविक इतिहास लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने और प्रधानमंत्री के एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मंत्र को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। केवडिय़ा में आकार लेने वाले परियोजना का उल्लेख करते हुए रूपाणी ने कहा कि विभिन्न राज्यों सहित दुनियाभर से आने वाले सैलानियों के रहने के लिए यहां 5,000 कमरों का भव्य परिसर निर्मित होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रतिवर्ष 40 लाख पर्यटक स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए आते हैं, लेकिन भविष्य में अनुमान के मुताबिक यहां एक करोड़ पर्यटकों के आने की संभावना है।
सरकारी प्रतिनिधि और पूर्व रियासत के परिजनों की बनेगी समिति
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व रियासतों का भव्य म्यूजियम बनाने के लिए सरकार के प्रतिनिधि और पूर्व रियासत के परिवारजनों की एक समिति का गठन कर उनके सुझाव लिए जाएंगे। अतीत में रियासतों ने सुशासन की जो मिसाल पेश की थी उससे प्रेरणा लेकर हम जनकल्याण के कार्य कर रहे हैं। इस म्यूजियम को तीव्र गति से और निर्धारित समय सीमा में पूरा करने की दिशा में काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पूर्व राजवी परिवारजनों के देश के प्रति समर्पण भाव की सराहना करते हुए म्यूजियम निर्माण में सहयोग प्रदान करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा ने कहा कि 562 रियासतों के इस भव्य म्यूजियम को बनाने की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी है, तब उसे शीघ्र पूर्ण करने का प्रयास मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कर रहे हैं। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए चूड़ास्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का समाज की ओर से आभार व्यक्त किया।
बैठक में उपस्थित पूर्व रियासत परिवार के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को रजवाड़ी पगड़ी पहनाकर और स्मृति चिह्न भेंटकर उनके संकल्प की सराहना की। इस अवसर पर राजकोट के पूर्व राजवी परिवार के मांधाता सिंह जाडेजा ने उपस्थित सभी पूर्व रियासत परिवार के सदस्यों का परिचय कराया। बैठक में लींबड़ी के विधायक किरीटसिंह राणा, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष आई.के. जाडेजा सहित विभिन्न प्रांतों के पूर्व रियासत परिवार के सदस्य उपस्थित थे।
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