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खंभात हिंसा : उजड़े आसियाने को मिल जुलकर एक करने में लगे प्रवीण व सत्तार भाई

locationअहमदाबादPublished: Feb 28, 2020 11:36:49 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

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खंभात हिंसा :  उजड़े आसियाने को मिल जुलकर एक करने में लगे प्रवीण व सत्तार भाई

खंभात हिंसा : उजड़े आसियाने को मिल जुलकर एक करने में लगे प्रवीण व सत्तार भाई

आणंद. बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा, सलामते रहे दोस्ताना हमारा। यह गीत 80 के दशक की फिल्म दोस्ताना का गीत है। इस गीत के गायक किशोर कुमार और मोहम्मद रफी हैं। इस गीत को सच्चे अर्थों में सार्थक किया है खंभात के राम और रहीम ने। पिछले दिनों खंभात में भड़की हिंसा में कई घरों व दुकानों को आग लगा दी गई। इस हिंसा में खंभात के अकबरपुर के ही दो वृद्ध मित्रों-सत्तार भाई व प्रवीण भाई का भी आसियाना उजड़ गया लेकिन इन हिंसा के बीच भी दोनों ने दोस्ती की अटूट मिसाल पेश की।
इन दंगों में इन दोनों दोस्तो ने अपना सब कुछ गंवा दिया लेकिन दोनों ने अपनी दोस्ती पर एक भी आंच नहीं आने दी। असामाजिक तत्वों ने इनके मकानों को आग लगा दी, लेकिन इसके बावजूद दोनों मित्र जले हुए मकान से अपने जरूरत का सामान बिनकर अपने बेतरतीब आसियाने को एक बार फिर से एक करने की कोशिश में लगे हैं।
कुछ दिन पहले दो समुदायों के बीच जो जहर फैला दी गई थी, उसके बीच सत्तार व प्रवीणभाई की दोस्ती एक सुकून देती दिखती है। दोनों बचपन में गहरे दोस्त हैं। दोनों के मकान हिंसा की चपेट में जला दिए गए। मकान जलाकर सामान लूट लिया गया। उनके धंधे-रोजगार भी चौपट हो गए। उनके पास अब सिर्फ पहने हुए कपड़े ही बचे हैं। दोनों को अपने घर का मंजर काफी डरावना दिखता है, लेकिन दोनों इस डर के बीच भी एक दूसरे के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आसियाने को फिर से जोडऩे में लग गए हैं।

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