गुजरात पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक (डीजीपी) हसमुख पटेल ने उन्होंने बताया कि पुलिस निगम की ओर से पहली बार ऐसा किसी प्रोजेक्ट में खंभाती कुआं बनाया गया है। अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस मुख्यालय में जल संरक्षण के उद्देश्य से खंभाती कुआं बनाया गया है। साल में 60 परिवारों की जरूरत का पानी इसके जरिए जमीन में उतारा जा सकता है। अभी जो रिचार्ज वेल बनाए जा रहे हैं वह उतने प्रभावी नहीं हैं, जितना कि यह कुआं काफी प्रभावी है। रिचार्ज वेल में पानी को जमीन में उतारने की जगह कम होती है और उसमें कुएं की तुलना में बहुत कम मात्रा में पानी जमीन में उतर पाता है। कुएं का आकार बड़ा होने के चलते इससे ज्यादा प्रमाण में पानी जमीन में उतरता है। यह पानी को संग्रह भी करता है। बारिश के समय आसानी से पानी जमीन में उतरा है, जिसके चलते इलाके में पानी भी नहीं भरेगा।
मधुमक्खी के छत्ते की तरह है डिजाइन
खंभाती कुएं की विशेषता यह है कि इसकी डिजाइन मधुमक्खी (हनीबी) के छत्ते की तरह होती है। यह जमीन में पानी के नीचे उतरने के चलते टीडीएस भी कम करता है। डीजीपी पटेल ने बताया कि लोकेन्द्र बालासरिया के सहयोग व सुझाव से इसे बनवाया गया है, जिसे कारीगर हकीमभाई की ओर से तैयार किया है। यह 30 फीट गहरा और 15 फीट चौड़ा है। इसके ऊपर आरसीसी का स्लैब का काम करना बाकी है।
खेड़ा पुलिस मुख्यालय में भी इसकी योजना
पटेल ने बताया कि एक साल पहले उन्होंने गुजरात विद्यापीठ में खंभाती कुआं देखा था। अहमदाबाद जिला के बाद अब खेड़ा पुलिस मुख्यालय में भी इस तरह का खंभाती कुआं बनाने की योजना है। इसके लिए सर्वे भी कराया जा रहा है। वहां के इलाके में पानी में टीडीएस 30 हजार है।
जल जमाव रोकने, टीडीएस घटाने में मददगार
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नोहर के मूल निवासी और सालों से अहमदाबाद में रहने वाले पर्यावरणविद लोकेन्द्र बालासरिया ने बताया कि खंभाती कुआं क्षेत्र के जल जमाव की समस्या खत्म करने के साथ पानी के टीडीएस को घटाने में काफी मददगार है। साढ़े तीन लाख रुपए की लागत में एक कुआं बनता है। यह कुआं करीब 10 से 15 साल तक प्रभावी तरीके से काम करता है। यह हर घंटे 75 से 80 हजार लीटर पानी को जमीन में उतारता है। अहमदाबाद शहर में बीते तीन साल में 100 खंभाती कुए बनाए हैं। इसके बेहतर परिणाम मिले हैं।