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किसानों को साहूकारों के चंगुल से छुड़ाने का काम कर रहा खेती बैंक: शाह

locationअहमदाबादPublished: Jun 28, 2022 09:58:16 pm

Kkheti bank works for farmers development: Amit shah खेती बैंक की 70वीं एजीएम को केन्द्रीय गृहमंत्री ने किया संबोधित, -हजारों किसानों को बनाया खेत का मालिक

किसानों को साहूकारों के चंगुल से छुड़ाने का काम कर रहा खेती बैंक: शाह

किसानों को साहूकारों के चंगुल से छुड़ाने का काम कर रहा खेती बैंक: शाह

अहमदाबाद. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि कितने ही किसानों को साहूकारों के चुंगल से छुड़ाने का का काम खेती बैंक ने किया। गुजरात के कृषि क्षेत्र में खेती बैंक का बहुत बड़ा योगदान है। शाह मंगलवार को द गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक (खेती बैंक) की अहमदाबाद में आयोजित 70वीं वार्षिक सामान्य सभा (एजीएम) को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बैंक गुजरात के किसानों को इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए मध्यम और लंबी अवधि के लोन देने का भी काम कर रहा है। 1951 में स्थापित खेती बैंक का स्वरूप नाबार्ड की स्थापना के बाद थोड़ा बदला है। खेती के साथ-साथ ग्रामीण विकास, कुटीर उद्योग, डेयरी और स्वरोजगार के लिए भी ऋण देने का काम किया जा रहा है। आज यह बैंक मध्यम और दीर्घकालीन अवधि के ऋण देने वाली एग्रीकल्चर फायनान्स का सबसे बडा बैंक बनकर सामने आया है। 17 जिला कार्यालय और 176 शाखाओं के माध्यम से लगभग 8,42,000 किसानों को लगभग 4543 करोड रूपए का ऋण खेती बैंक ने अब तक दिया है। शाह ने कहा कि 1951 में स्थापित खेती बैंक की स्थापना का ऐतिहासिक महत्व भी है।
सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि पहले ऋण 12 से 15 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाता था, लेकिन अब इसे घटाकर 10 प्रतिशत तक लाया गया है। नियमित ऋण चुकाने के पर अब 2 प्रतिशत रियायत भी दी जाती है। शाह ने कहा कि आज गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के जीएससी बैंक, एडीसी बैंक और खेती बैंकमिलकर सभी कन्याओं का सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करके 25 लाख रूपए का चेक जिला कलेक्टर को देने का निर्णय किया है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत 45 करोड नए बैंक खाते खोले गए हैं, 32 करोड रूपे डेबिट कार्ड देने का काम किया है, डिजिटल लेन-देन एक ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है। वर्ष 2017-18 के डिजिटल लेन-देन के मुक़ाबले इनमें 50 गुना की बढोत्तरी हुई है। डीबीटी के माध्यम से 52 मंत्रालयोंकी लगभग 300 योजनाओं के फ़ायदे सीधे लाभार्थियों को भेजने का काम किया गया है।

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