कोरोना महामारी के चलते लोगों में अब त्योहार मनाने के प्रति पहले जैसी उत्सुकता देखने को नहीं मिल रही है और इसी का परिणाम है कि मकर संक्रांति पर्व पर दान-पुण्य के साथ पतंगबाजी का रंग भी फिलहाल शहर में नहीं चढ़ पाया है। शहरी व ग्रामीण बाजारों में पतंगों की दुकानें तो सज गई हैं परन्तु बिक्री ठप है।
व्यापारियों ने कारोबार बढ़ाने के लिए छोटा भीम, मिकी माउस, कार्टून, बुलेट ट्रेन, स्पाइडर मैन, बैटमैन, निंजा हथोड़ी, किसमें कितना है दम, डोरेमोन वाली आकर्षक पतंगें दुकानों पर सजा ली है।
इस बार कोरोना थीम पर भी पतंगें बाजार में आई हैं, जिस पर किसी राक्षस की आकृति बनी है तो कहीं वैक्सीन की। पंतगों के अलावा बाजारों में जगह-जगह टेंट और दुकानों में तिलकुट की बिक्री के लिए प्रयास चालू हो गए हैं। तिलकुट पारंपरिक रूप से तिल, गुड़ से बनाया जाता है। मगर इस बार फ्लेवर तिलकुट भी दुकानों पर मौजूद है। इसमें इलायची वाले तिलकुट की कीमत 360 से 400 रुपए तथा सौंफ वाले तिलकुट की कीमत 400 रुपए तक बोली जा रही है।
इस बार कोरोना थीम पर भी पतंगें बाजार में आई हैं, जिस पर किसी राक्षस की आकृति बनी है तो कहीं वैक्सीन की। पंतगों के अलावा बाजारों में जगह-जगह टेंट और दुकानों में तिलकुट की बिक्री के लिए प्रयास चालू हो गए हैं। तिलकुट पारंपरिक रूप से तिल, गुड़ से बनाया जाता है। मगर इस बार फ्लेवर तिलकुट भी दुकानों पर मौजूद है। इसमें इलायची वाले तिलकुट की कीमत 360 से 400 रुपए तथा सौंफ वाले तिलकुट की कीमत 400 रुपए तक बोली जा रही है।