कोटेश्वर-सोमनाथ महादेव पदयात्रा कल से
ब्रह्मलीन संत संध्यागिरि की 25वीं निर्वाण तिथि की पूर्व स्मृति में आयोजन
ब्रह्मचारी संत भगवतगिरि तय करेंगे 800 किमी की दूरी
नारायण सरोवर मेंं स्नान के बाद त्रिकमराय की पूजा-अर्चना, ब्रह्म चोर्यासी आज

गांधीधाम. ब्रह्मलीन संत संध्यागिरि की 25वीं निर्वाण तिथि की पूर्व स्मृति में शिष्य व सामखियाली स्थित संस्कृत वेद विद्यालय के ब्रह्मचारी संत भगवतगिरि कच्छ जिले की सरहद पर स्थित तीर्थधाम नारायण सरोवर-कोटेश्वर महादेव से देश के प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव तक शुक्रवार से पदयात्रा करेंगे।
संत भगवतगिरि के अनुसार पदयात्रा की शुरुआत से पहले संक्रांति पर गुरुवार को नारायण सरोवर में स्नान के बाद त्रिकमराय की पूजा-अर्चना और ब्रह्मचोर्यासी का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को कोटेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक करने के बाद पदयात्रा शुरू होगी। अंजार में वीडी के समीप संत संध्यागिरि की समाधि, जोगणीनार होकर पदयात्रा आगे बढ़ेगी।
पवित्र जल रहेगा साथ
पदयात्रा के साथ सप्त सागर, दिव्य नदियों, गंगा-जमना-सरस्वती सहित 151 अन्य नदियों के पवित्र जल के साथ मान सरोवर, बिंदु सरोवर, ब्रह्म सरोवर के अलावा 51 कुओं का जल भी रहेगा। इस जल की नित्यकर्म की पूजा में स्फटिक शिवलिंग और 16 नर्मदेश्वर के शिवलिंग भी साथ रहेंगे।
मार्ग में नवचंडी होमात्मक चंडी पाठ, रुद्राभिषेक भी
पदयात्रा के दौरान माता ना मढ में मां आशापुरा के सानिध्य में नवचंडी होमात्मक चंडी पाठ किया जाएगा। इसके अलावा राजमार्ग से कम दूरी के कुल 800 किलोमीटर मार्ग पर 100 मीटर के अंदर स्थित प्रत्येक पौराणिक शिवालयों में विशेष पूजा, रुद्राभिषेक के साथ विश्राम (विराम), शाम को रामनाम संकीर्तन और शिव महापुराण की कथा का आयोजन किया जाएगा।
प्रतिदिन करीब 40-45 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे
प्रतिदिन करीब 40-45 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। पदयात्रा के प्रारंभ से अंत तक शिष्य ब्रह्मचारी प्रकाशानंद व्यवस्थाओं में जुटेंगे। साधन-सामग्री, पूजा-अर्चना की व्यवस्था के लिए 5 ब्राह्मण एक रथ में साथ रहेंगे। शिष्य परिवार के गांधीधाम निवासी राघुभाई, पत्नी कंवरबेन राघुभाई भी पदयात्रा में साथ रहेंगे और पूरी पदयात्रा का खर्च वहन करेंगे। पदयात्रा को सफल बनाने में संत संध्यागिरि के शिष्य, अनुयायी, धर्मपे्रमी आदि जुटे हैं।
संपूर्ण विश्व कल्याण का उद्देश्य
उन्होंने बताया कि संपूर्ण विश्व के कल्याण के उद्देश्य से आयोजित यात्रा जूनागढ़ पहुंचने पर भवनाथ महादेव के सानिध्य में पूजा का कार्यक्रम होगा। सोमनाथ पहुंचने की तिथि भी वहीं पर तय की जाएगी।
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