गुजरात के नमक श्रमिकों को नमक उत्पादन कंपनियों ने उनके गांवों से वापस बुलाया है और उन्हें काम के एवज में कहीं डेढ गुना तो कहीं दुगना वेतन ऑफर किया है। इस दौरान श्रमिकों के आने-जाने के खर्चे और 14 दिनों के क्वारन्टाइन पीरियड का खर्च भी कंपनियां ही वहन कर रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक देश में रिवर्स माइग्रेशन (श्रमिकों को पुन: लौटना) का यह पहला ट्रेंड देखने को मिला है।
देश में होने वाले नमक के कुल उत्पादन ( 3 करोड़ टन) का 80 फीसदी उत्पादन (2 करोड़़ 40 लाख टन) अकेले गुजरात में होता है। देश भर में प्रति वर्ष करीब 3 करोड़ टन नमक में से एक करोड़ टन नमक का खाने में उपयोग में होता है।