इसी तरीके से यदि किसीड्राइविंग लाइसेंसधारक के पास लाइसेंस हो और कुछ उसमें सुधार करना चाहते हैं तो इस प्रक्रिया के लिए भी आवेदक को आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस लेने आना पड़ता है, लेकिन अब नए सिस्टम मेंं आवेदक शुल्क जमा कराकर खुद ही सुधार कर सकेंंगे,जिसका वेरीफिकेशन और एप्रुवल आरटीओ से हो जाएगा। एप्रुवल के बाद आवेदक को निर्धारित तिथि को ड्राइविंग टेस्ट के लिए मौजूद रहना होगा।
इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस में जोखिमकारक माल की हेराफेरी करने वालों के लिए एण्डोर्समेन्ट की प्रक्रिया की आसान की गई है। इसके लिए आरटीओ में जाकर मैन्युअल स्टाम्पिंग भी नहीं करनी पड़ेगी। वहीं सभी ट्रांजेक्शन में लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने या जोखिमकारक माल लाने-ले जाने के लिए एण्डोर्समेन्ट के लिए आवेदक के आरटीओ में नहीं आना पड़ेगा।