scriptless than 10 women elected for gujarat assembly in 60 years | गुजरात विधानसभा में 60 साल बाद भी 10 फीसदी तक नहीं पहुंची ‘आधी आबादी’ | Patrika News

गुजरात विधानसभा में 60 साल बाद भी 10 फीसदी तक नहीं पहुंची ‘आधी आबादी’

locationअहमदाबादPublished: Nov 09, 2022 07:36:31 am

less than 10% women elected for gujarat assembly in 60 years
-महिला विधायकों की संख्या है काफी कम, अब तक सिर्फ 111 पहुंचीं गांधीनगर
-1985, 2007, 2012 में सर्वाधिक 16 महिला विधायक, 1972 में सिर्फ एक

गुजरात विधानसभा में 60 साल बाद भी 10 फीसदी तक नहीं पहुंची ‘आधी आबादी’
गुजरात विधानसभा में 60 साल बाद भी 10 फीसदी तक नहीं पहुंची ‘आधी आबादी’

नगेन्द्र सिंह
Ahmedabad. राजनीति के क्षेत्र में गुजरात का नाम शुरुआत से ही प्रमुख रहा है। यहां से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह जैसे मजबूत नेता दिए हैं। लेकिन बात यदि राजनीति में महिला सशक्तीकरण की करें तो गुजरात में महिलाएं पीछे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात के 60 साल के चुनावी काल में भी च्आधी आबादीज् की गुजरात विधानसभा में हिस्सेदारी 10 फीसदी के आंकड़े तक को नहीं छू पाई है। 1960 में गुजरात राज्य बनने के बाद 1962 में हुए पहले चुनाव में गुजरात में 154 सीटे थीं। उस समय 11 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंची थीं। आज भी कमोबेश यह संख्या 10 प्रतिशत के आंकड़े को नहीं छू पाई है। 1962 से लेकर अब तक 13 बार विधानसभा के लिए चुनाव हुए हैं उसमें केवल 111 महिलाएं ही विधानसभा में चुनकर पहुंची हैं। जबकि 2196 पुरुष विधायक बने हैं। 13 बार के चुनावों में कुल 2307 विधायक चुने गए। अब तक के चुनावी इतिहास में सिर्फ तीन बार ऐसे अवसर आए जब महिला विधायकों की संख्या 9 प्रतिशत के करीब तक पहुंचीं। वर्ष 1985, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में 16-16 महिलाएं विधायक चुनी गई थीं। 2017 के चुनावों में इनकी संख्या घटकर 13 ही रह गई। जो प्रतिशत के लिहाज से 7.14 प्रतिशत है।

1962 में 19, 2017 में 120 महिलाएं लड़ी चुनाव
1962 के पहले चुनाव में 19 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। उसमें से 11 महिलाएं जीतने में सफल रहीं। हालांकि, इसके बाद हुए 1967 के चुनाव में सीट संख्या 154 से बढकऱ 168 हो गई, लेकिन आठ महिलाएं ही विधानसभा की चौखट लांघ सकीं। 14 लड़ी थीं। 1972 के चुनाव में तो यह आंकड़ा सिर्फ एक रह गया, जबकि 21 महिलाएं चुनाव मैदान में थीं। 1975 के चुनाव में एक बार फिर विधानसभा सीट की संख्या में इजाफा हुआ और सीटें 181 हो गई, लेकिन महिला विधायकों की संख्या नहीं बढ़ पाई। चुनाव में 14 महिलाएं मैदान में थीं, केवल तीन जीत पाईं। 1980 में फिर सीट संख्या बढ़ी ये संख्या 181 से बढकऱ 182 हो गई। 182 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 24 में पांच, 1990 में 53 में चार, 1995 में 94 में सिर्फ दो महिलाएं ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं। वर्ष 1998 में चुनाव लडऩे वालीं 49 महिलाओं में से चार ने जीत पाई। 2002 में 37 महिलाओं ने चुनाव लड़ा और 12 ने जीत दर्ज की। 2007 और 2012 के चुनावों में एक बार फिर 16 -16 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंचीं। 2007 में 88 जबकि 2012 में 97 महिलाएं चुनाव मैदान में थीं। 2017 के चुनाव में 120 महिला उम्मीदवारों ने चुनावी ताल ठोंकी थी, लेकिन 13 को ही सफलता मिल सकी।

गुजरात को 2014 में मिलीं पहली महिला मुख्यमंत्री
गुजरात को आनंदी बेन पटेल के रूप में 2014 में पहली महिला मुख्यमंत्री मिलीं। ऐसा तब संभव हुआ जब नरेंद्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री बन गए। हालांकि आनंदीबेन ने कार्यकाल पूरा करें उससे पहले ही इस्तीफा दे दिया। आनंदी बेन 22 मई, 2014 से सात अगस्त, 2016 तक गुजरात की मुख्यमंत्री रहीं। फिलहाल वे 29 जुलाई 2019 से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं।

गुजरात को 2021 में पहली महिला स्पीकर
गुजरात को एक साल पहले 2021 में ही नीमाबेन आचार्य के रूप में पहली विधानसभा अध्यक्ष मिली हैं। 27 सितंबर 2021 को उन्हें स्पीकर चुना गया।

चुनाव वर्ष- महिला विधायक संख्या
1962- 11
1967- 8
1972- 1
1975- 3
1980- 5
1985- 16
1990- 4
1995- 2
1998- 4
2002- 12
2007- 16
2012- 16
2017- 13

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