वर्ष 2030 तक 100 फीसदी इलेक्ट्रीक वाहन उपयोग और पचास फीसदी कार्बन उत्सर्जन -नेट जोरी कार्बन इमिशन को लक्क्ष्य में रखा गया है, जिसे साकार करना करना का अहम कदम है। प्रथम चरण में13 हजार करोड़ के निवेश से 20 गीगावॉट का प्लान्ट स्थापित किया जाएगा। इस प्लान्ट स्थापित होने से 13 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात देश में लिथियम आयन सेल मैन्युफेक्चरिंग राज्य बनने को तत्पर है। इस प्लान्ट में करीब 13 हजार करोड़ रुपए का प्रारंभिक चरण में निवेश होगा, जिसकी उत्पादन क्षमता 20 गीगावॉट होगी। राज्य सरकार इलेक्ट्रीक वाहनों का उत्पादन बढ़ाकर कार्बन उत्सर्जन सहित ऊर्जा ग्रीन, क्लीन एनर्जी बढ़ाने और फोसिल फ्युअल इस्तेमाल घटाकर कार्बन उत्सर्जन घटाने के दृष्टिकोण को लेकर संकल्पबद्ध है। इलेक्ट्रीक वाहनों का उपयोग बढ़ने के साथ-साथ लिथियम आयन बैटरी पर निर्भरता भी बढ़ेगी। टाटा ग्रुप के इस प्लान्ट से गुजरात लिथियम आयन सेल मैन्युफेक्चरिंग में अग्रणी राज्य बनेगा। साथ ही राज्य में बैटरी मैन्युफेक्चरिंग इको सिस्टम स्थापित करने में भी मदद मिलेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, मुख्य सचिव राजकुमार एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोशी के अलावा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।