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14 वर्ष से लीवर सिरोसिस के चलते… जीवन की उम्मीद खो बैठी मनीषा को आखिर मिल गया जीवन दान

locationअहमदाबादPublished: Oct 22, 2021 09:11:07 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

 
-ब्रेन डेड दाता का लीवर हुआ प्रत्यारोपित
-40 से 50 लाख रुपए में होने वाला ऑपरेशन हुआ निशुल्क

14 वर्ष से लीवर सिरोसिस के चलते...  जीवन की उम्मीद खो बैठी मनीषा को आखिर मिल गया जीवन दान

14 वर्ष से लीवर सिरोसिस के चलते… जीवन की उम्मीद खो बैठी मनीषा को आखिर मिल गया जीवन दान,14 वर्ष से लीवर सिरोसिस के चलते… जीवन की उम्मीद खो बैठी मनीषा को आखिर मिल गया जीवन दान,14 वर्ष से लीवर सिरोसिस के चलते… जीवन की उम्मीद खो बैठी मनीषा को आखिर मिल गया जीवन दान

अहमदाबाद. जीने की उम्मीद छोड़ चुकी मनीषाबेन को 14 वर्ष के बाद आखिर जीवन दान मिल गया। दरअसल इस महिला को लीवर सिरोसिस नामक गंभीर बीमारी थी। जिसके चलते पूरा परिवार ही निराशा में डूबा था। पिछले दिनों ब्रेन डेड दाता से मिले लीवर की बदौलत फिर से मनीषा की जिन्दगीं संवर गई। इस तरह का ऑपरेशन निजी अस्पतालों में 40 से 50 लाख रुपए में होता है लेकिन अहमदाबाद के सिविल मेडिसिटी स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) में यह निशुल्क हुआ है। हाल में मनीषाबेन की हालत में सुधार बताया गया है।
अहमदाबाद के चांदखेड़ा क्षेत्र में रहने वाली मनीषा हितेश मोदी 14 वर्ष पूर्व लीवर सिरोसिस नामक बीमारी से ग्रस्त हुई थी। उस दौरान अस्पतालों में उपचार भी करवाया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। खर्चीली दवाइयों के बल पर जैसे तैसे समय काटने वाली मनीषाबेन को वर्ष 2018 में दर्दनाक पीड़ा से गुजरना पड़ा था। लीवर खराब होने की वजह से पानी भरने की समस्या हो गई थी जो बीमारी की अंतिम स्टेज थी। निजी अस्पतालों की ओर से लीवर ट्रान्सप्लान्ट कराने की सलाह दी गई। लेकिन खर्च 40 से 50 लाख था जो इस परिवार के लिए बहुत ज्यादा राशि थी। हालांकि मनीषा के जीवन के लिए परिवार कर्ज कर उपचार कराने को तैयार भी हुआ था। मित्र और अन्य लोगों की सलाह के अनुसार मनीषा को सिविल अस्पताल कैंपस के आईकेडीआरसी अर्थात किडनी अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। यह महिला पिछले चार वर्ष से उपचार करवा रही थी। पिछले दिनों ब्रेन डेड दाता के लीवर को मनीषाबेन में प्रत्यारोपित किया गया। जीवन जीने की उम्मीद खो बैठी मनीषा को अब नया जीवन मिल गया। हाल में उनकी हालत अच्छी बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री राहत कोष एवं अयुष्मान कार्ड से मिला लाभ
स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यु ट्रान्सप्लान्ट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के कन्वीनर एवं किडनी अस्पताल के मुख्य ट्रान्सप्लान्ट सर्जन डॉ. प्रांजल मोदी एवं उनकी टीम ने यह ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष एवं आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाओं के कारण मनीषाबेन का यह जटिल ऑपरेशन निशुल्क हो सका। आमतौर पर यह ऑपरेशन काफी महंगा होता है। मनीषाबेन के पति हितेशकुमार मोदी ने बताया कि आईकेडीआरसी के चिकित्सकों व अन्य स्टाफ के अच्छे रूख की बदौलत उनके परिवार में फिर से खुशियां आ गईं हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष से मदद करने के लिए अहमदाबाद के सांसद का संपर्क किया, जिसका लाभ मिल सका है। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड का भी सहारा मिला।
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