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Lockdown effect: जब श्रमिकों के खिल गए चेहरे…

locationअहमदाबादPublished: May 14, 2020 08:42:31 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

Lockdown effect, labour, train, shramik train, ahmedabd news: 95 हजार से प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी

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Lockdown effect: जब श्रमिकों के खिल गए चेहरे…

गांधीनगर. कोरोना वायरस (Corona virus) का संक्रमण रोकने के लिए लम्बे समय से लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है। ऐसे में रोजगार -धंधा ठप होने से प्रवासी श्रमिकों (laboure) की हालात बदहाल हो गई है। वे अब सरकार से सिर्फ उनकी वतन वापसी की ही गुहार लगा रहे हैं। इसके चलते ही सरकार श्रमिकों के घर वापसी को लेकर श्रमिक ट्रेन (Shramik train) दौड़ा रही है। यदि अहमदाबाद की बात की जाए तो यहां से ट्रेनों के जरिए अब तक 95 हजार से प्रवासी श्रमिकों ने घर वापसी हो चुकी है। बुधवार को ही 21 हजार 811 श्रमिकों अलग-अलग ट्रेनों से रवाना हुए। इसके लिए अहमदाबाद जिला (Ahmedabad ) प्रशासन ने बेहतर आयोजन किया है।
अहमदाबाद जिला कलक्टर (district collector) के.के. निराला ने कहा कि लॉकडाउन के चलते अहमदाबाद जिला में फंसे श्रमिकों को उनके गांव भेजने के लिए बेहतर आयोजन किया है। अहमदाबाद शहर और जिले के अलग-अलग ठिकानों से श्रमिकों की सूची एकत्र की गई। बाद में उनको यहां लाया गया। इसके लिए प्रांत अधिकारियों की टीम ने लगातार समन्वय बनाया। इसके मद्देनजर ही अहमदाबाद के मेम्को स्थित वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लाया गया। वहां भोजन, पानी और नास्ता देकर सभी औपचारिकताएं की गईं। बाद में सभी को एक साथ रेलवे स्टेशन ले जाया गया।
अमेठी जाने वाले सोमनाथ नाविक ने कहा कि हमें यहां लाने से पहले भोजन और पानी की व्यवस्था की गई। हमें गांव भेजने की व्यवस्था की गई है इसके लिए सरकार का आभार मानता हूं। एक महिला यात्री प्रभादेवी ने कहा कि घर से जब बस में बैठे तभी पानी-नाश्ता दिया गया था। स्टेशन पर भी भोजन दिया गया। ट्रेन में हम बेहतर तरीकेसे बैठ गए हैं। हररोज अहमदाबाद से श्रमिकों के लिए ट्रेन दौड़ाने से आसानी हो गई है।
रेलवे स्टेशन पर हर जगह सोशल डिस्टेसिंग (Social distancing) रखी जाती है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवान सोशल डिस्टेसिंग और दिशा-निर्देशों का पालन करने किए प्लेटफार्म पर तैनात रहते हैं। यात्रियों को पेपर-सॉप भी दिए जाते हैं ताकि स्वच्छता का पालन हो सके। बाद में श्रमिकों को ट्रेन में सूची के हिसाबसे कोच में बिठाते हैं।
इससे पूर्व अहमदाबाद रेलवे स्टेशन (Ahmedabad railway station) पर ट्रेन की रवानगी होने से पहले उसे सेनेटाइज किया जाता है। एक ट्रेन को सेनेटाइज करने में दो घंटे लगते हैं। यह प्रक्रिया में ट्रेन के प्रत्येक कोच, टॉयलेट, और सीट-बर्थ को संक्रमणरहित किया जाता है।
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