परीक्षा केन्द्रों पर सेनेटाइजेशन की गई थी। वहीं थर्मल गन से तापमान मापने के बाद ही परीक्षार्थियों परीक्षा खंड में प्रवेश दिया गया। सोशल डिस्टेसिंग बनाकर परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा केन्द्रों पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। यह परीक्षा मार्च में होने वाली थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते परीक्षा स्थगित की गई थी। हालांकि रविवार को कोई भी कोरोना महामारी का असर देखा गया। परीक्षार्थी कम संख्या में नजर आ रहे थे। परीक्षार्थियों पहले जैसे उत्साह नजर नहीं आया।
कई परीक्षार्थियों का कहना है कि पहले अच्छी तैयार थी, लेकिन परीक्षा रद्द होने के बाद नीरसता जरूर हुई। अब पहले जैसी तैयार नहीं है, लेकिन परीक्षा तो देनी है।
एक परीक्षा केन्द्र के संचालक ने कहा कि एक परीक्षा खंड में प्रत्येक बैंच पर एक परीक्षार्थी के बैठने की व्यवस्था की गई। इस हिसाब से एक खंड में २४ परीक्षार्थियों परीक्षा देन की व्यवस्था गई। वहीं यदि किसी भी परीक्षार्थी की तबीयत बिगड़े तो एम्बुलेंस बुलाने या फिर परीक्षार्थी को उनके परिजनों को बुलाकर सौंपने की व्यवस्था है।