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Lockdown: कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन को असंवैधानिक घोषित करने की गुहार, गुजरात हाईकोर्ट ने केन्द्र-राज्य सरकार से कहा, रिपोर्ट पेश करेें

locationअहमदाबादPublished: Jun 02, 2020 11:28:25 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

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Lockdown: कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन को असंवैधानिक घोषित करने की गुहार, गुजरात हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से कहा, उचित रिपोर्ट पेश करेें

Lockdown: कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन को असंवैधानिक घोषित करने की गुहार, गुजरात हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से कहा, उचित रिपोर्ट पेश करेें

अहमदाबाद. कोरोना की महामारी के कारण गत 25 मार्च से लेकर अब तक किए गए लॉकडाउन को असंवैधानिक, गैरकानूनी, गैर वाजिब घोषित करने की मांग के साथ गुजरात उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश आर एम छाया और न्यायाधीश आई जे वोरा की खंडपीठ ने राज्य व केन्द्र सरकार से जरूरी जानकारी प्राप्त कर उचित रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही इस मामले को कोरोना से जुड़ी प्रसंज्ञान याचिका के साथ सुनने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी।
याचिकाकर्ता विश्वास भांभुरकर की ओर से वकील के आर कोष्टी के मार्फत दायर याचिका में यह गुहार लगाई गई है कि देश में लागू किया गया लॉकडाउन संवैधानिक व कानून के प्रावधानों के खिलाफ है। इसमें कहा गया है कि आपातकाल के समय में भी संविधान की धारा 21 का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। ऐसे में घोषित लॉकडाउन धारा 19 और 21 के तहत मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है।
वकील कोष्टी की दलील के मुताबिक डिजास्टर मैनमेजमेंट एक्ट और ऐपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत लॉकडाउन लगाया गया, लेकिन इन दोनों कानून में भी लॉकडाउन शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है। लॉकडाउन लगाने से पहले पानी, भोजन, आश्रय, सेनिटेशन, राहत शिविर, मेडिकल सुविधाओं से जुड़़ी व्यवस्था करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिशों का भी अमल नहीं किया गया है।
याचिका में यह भी कहा गया कि लॉकडाउन के कारण वृद्ध व बच्चे भी घर से नहीं निकल सके और सभी लोग बिना किसी अपराध के घरों में ही नजरबंद रहे। यह भी अनुच्छेद 21 के तहत निजी आजादी का उल्लंघन है। इसलिए सरकार के बिना किसी तर्क या वैज्ञानिक रूप से अनुसरण किए बिना ही लगाए गए लॉकडाउन को असवैधाननिक करार दिया जाना चाहिए।

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