बोर्ड के वितरण केन्द्रों पर प्रवेश पत्र के लिए कतार
२८ फरवरी को नहीं पहुंचे, स्कूल प्रतिनिधियों में नाराजगी,कई परीक्षार्थियों को भी स्कूल से लौटना पड़ा बैरंग
अहमदाबाद. गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से किए गए परिपत्र की पालना खुद बोर्ड के अधिकारियों की ओर से ही नहीं किए जाने की घटना सामने आ रही है। २८ फरवरी को बोर्ड परीक्षा के
प्रवेश पत्र जिला वितरण केन्द्रों पर पहुंचा दिए जाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन २८ फरवरी को यह प्रवेश पत्र वितरण केन्द्रों पर नहीं पहुंचे, जिसके चलते पूरे दिन इंतजार करने के बाद स्कूल प्रतिनिधियों को बैरंग लौटना पड़ा। गुरुवार एक मार्च को भी होली के दिन स्कूल के प्रतिनिधियों को वितरण केन्द्र के बाहर कतार में खड़े रहना पड़ा, जिसके चलते स्कूलों में प्रवेश पत्र लेने पहुंचने वाले विद्यार्थियों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा।
१२ मार्च से दसवीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में प्रवेश पत्र विद्यार्थियों को समय पर मिल सके इसके लिए इस बार करीब एक सप्ताह पहले से प्रवेश पत्र का वितरण शुरू किया है। जल्दी वितरण शुरू करने का मुख्य उद्देश्य कुछ निजी स्कूलों की ओर से दी जा रही प्रवेश पत्र रोकने की धमकी भी एक वजह है। ताकि कोई परीक्षार्थी प्रवेश पत्र से वंचित ना रहे और ऐसी नौबत आए तो उसे प्रवेश पत्र दिलाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इसके लिए बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क करने की अपील परीक्षार्थियों और अभिभावकों से की है।
अहमदाबाद शहर माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक प्रशासनिक कर्मचारी मंडल के अध्यक्ष योगेश मिश्रा ने बताया कि २८ फरवरी को प्रवेश पत्र वितरण केन्द्रों पर पहुंचने थे। लेकिन बोर्ड के परिपत्र का क्रियान्वयन नहीं हो पाया। अब जब एक मार्च को स्कूलों से प्रवेश पत्र वितरण होने का समय है तो उस समय तक भी कई वितरण केन्द्रों पर दसवीं की बोर्ड परीक्षा के प्रवेश पत्र नहीं पहुंच पाए। इसके चलते गुरूवार को एक मार्च को स्कूल प्रतिनिधियों को लंबी कतार में खड़े होकर प्रवेश पत्र पाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।
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