Sola civil hospital in Ahmedabad : 113 दिन तक उपचार के दौरान कई उतार-चढ़ाव
Longest fight against Corona in India
सांस लेने में दिक्कत

अहमदाबाद. भारत में कोरोना की सबसे लंबी लड़ाई में जीत हांसिल करने वाले देवेन्द्रभाई को काफी कठिन परस्थितियों से गुजरना पड़ा है।
28 अगस्त को सोला सिविल अस्पताल में भर्ती कराने के बाद शुरुआत से ही उन पर कोरोना का गहरा असर देखा गया। उनका एचआरसीटी टेस्ट किया गया था जिसके परिणाम भी अतिगंभीर आए थे। उनके फेफड़ों में कोरोना का इफेक्ट बढ़ता गया था। उनके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने के लिए हाई फ्लो नोजल केनूला (एचएफएनसी) पर रखा गया था। इसके बावजूद ऑक्सीनज का संतुलन डगमगा रहा था जिससे उन्हें तीन सितम्बर को वाई पेप पर रखा गया। बीस दिन तक वाई पेप पर रखा गया था। इसके बाद एनआरबीएम पर रखा गया। उस दौरान उनका आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया गया लेकिन पॉजिटिव था।
तीन अक्टूबर से सांस लेने में हुई थी दिक्कत
एक बार फिर उनकी स्थिति खराब होने लगी थी। उनके रक्त में भी ऑक्सीजन पहुंचने का प्रमाण कम होता गया। तीन अक्टूबर को उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी। उस दौरान उनके फेफड़ों में हवा भर गई। जिससे ट्यूब डालनी पड़ी थी। यह ट्यूब 16 नवम्बर को निकाली गई।
20 नवम्बर से मरीज की हालत में आंशिक सुधार लगा
कोरोना के कारण अति गंभीर स्थिति में पहुंचे देवेन्द्रभाई की हालत में 20 नवम्बर के आंशिक सुधार दिखने लगा था। उपचार के अवधि में उन्हें रेमदेसिविर इन्जेक्शन एवं टोसिलजुमेव जैसे महंगे इन्जेक्शनों की भी जरूरत हुई। इन सभी उतार चढ़ाव की चुनौति को उन्हें झेला । इसके बाद स्वस्थ हुए देवेन्द्रभाई को शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
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