अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर. पी. धोलरिया ने पाटीदार नेता से बने कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। हार्दिक पटेल लोकसभा का चुनाव लडऩा चाहते हैं, लेकिन विसनगर की अदालत उन्हें विधायक कार्यालय तोडफ़ोड़ और आगजनी प्रकरण में दोषी ठहराते हुए 2 वर्ष की सजा सुना चुकी है। हार्दिक ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराए जाने को स्थगित करने की मांग को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। अब इस याचिका पर दूसरे जज के समक्ष सुनवाई होगी।
हार्दिक को जुलाई 2018 में मेहसाणा जिले के विसनगर के विधायक के कार्यालय में तोडफोड़ व दंगा मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके बाद सजा के खिलाफ अपील याचिका दायर की गई थी। हार्दिक के वकील रफीक लोखंडवाला के अनुसार उच्च न्यायालय ने हार्दिक की दो वर्ष की सजा को स्थागित करते हुए अपील याचिका स्वीकार ली थी, लेकिन दोषी ठहराए जाने को स्थगित नहीं किया था। अब हार्दिक की ओर से उसे निचली अदालत के इस मामले में दोषी ठहराए जाने को स्थगित करने की गुहार लगाई गई है जिससे वह लोकसभा का चुनाव लड़ सकें।
हार्दिक को जुलाई 2018 में मेहसाणा जिले के विसनगर के विधायक के कार्यालय में तोडफोड़ व दंगा मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके बाद सजा के खिलाफ अपील याचिका दायर की गई थी। हार्दिक के वकील रफीक लोखंडवाला के अनुसार उच्च न्यायालय ने हार्दिक की दो वर्ष की सजा को स्थागित करते हुए अपील याचिका स्वीकार ली थी, लेकिन दोषी ठहराए जाने को स्थगित नहीं किया था। अब हार्दिक की ओर से उसे निचली अदालत के इस मामले में दोषी ठहराए जाने को स्थगित करने की गुहार लगाई गई है जिससे वह लोकसभा का चुनाव लड़ सकें।