जूनागढ़ को अखंड भारत में जोडक़र 13 नवंबर 1947 को किया था संकल्प सोमनाथ ट्रस्ट के महा प्रबंधक व कार्यकारी अधिकारी के अनुसार दिवंगत सरदार वल्लभभाई पटेल ने वर्ष 1947 में भारत की आजादी के बाद जूनागढ़ को अखंड भारत में जोडक़र 13 नवंबर 1947 को समुद्र का जल हाथ में लेकर सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प किया था। वर्ष 1995 में निर्माण कार्य पूरा हुआ। नृत्यमंडप का निर्माण कार्य पूरा होने पर तत्कालीन राष्ट्रपति दिवंगत शंकरदयाल शर्मा ने पिछली 1 दिसंबर 1995 को नृत्यमंडप के कलश की अनावरण विधि संपन्न की थी। यानी दिवंगत सरदार पटेल की ओर से 13 नवंबर 1947 को किए गए संकल्प की सिद्धि 1 दिसंबर 1995 को हुई।
सरदार पटेल की प्रतिमा करती है सोमनाथ महादेव के दर्शन सोमनाथ ट्रस्ट के महा प्रबंधक व कार्यकारी अधिकारी के अनुसार सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प करने के बाद दिवंगत सरदार पटेल नहीं रहे लेकिन उनकी आंखों को सोमनाथ महादेव के निरंतर दर्शन कराने के हिसाब से सोमनाथ मंदिर परिसर में दिवंगत सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित करवाई गई है।
अप्रेल से नवंबर तक 292,124,274 ने डिजिटल प्लेटफार्म पर किए दर्शन, लॉकडाउन के बाद से अब तक 916291 ने प्रत्यक्ष दर्शन का लाभ सोमनाथ ट्रस्ट के महा प्रबंधक के अनुसार ट्रस्ट की ओर से डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से श्रद्धालुओं के लिए घर बैठे दर्शन की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद लॉकडाउन का समय पूर्ण होन के बाद से अब तक 916291 श्रद्धालुओं ने प्रत्यक्ष दर्शन का लाभ लिया। अप्रेल से नवंबर महीने तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से 292,124,274 लोगों ने किए सोमनाथ महादेव के दर्शन :
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